पूर्व मंत्री जीएस बाली ने संसद में पास हुए श्रम सुधार के 3 विधेयकों पर ऐतराज जताया है। अपने फेसबुक पेज पर जीएस बाली ने अख़बार की कटिंग शेयर करते हुए कहा कि देश वाकेई बदल गया है। अब देश में पूंजीपतियों की सहूलियत के हिसाब से सब तय हो रहा है। कंपनियों के विरुद्ध अब किसी कर्मचारी ने आवाज़ उठाई तो उन्हें कोई पूछने वाला नहीं होगा।
जीएस बाली ने कहा कि आने वाला समय युवाओं के लिए कठिनाई भरा रहने वाला है। सरकारी क्षेत्र में टेस्ट लटकाए जा रहे हैं। तैयारी करने वाली छात्रों के स्थिति प्रदेश औऱ देश भर में असमंजस की बनी हुई है। जो निजी क्षेत्र से कुछ रोजगार चला है वे भी अब कठिनाई भरा होने वाला है, क्योंकि कर्मचारी विरोधी कानून संसद में बनाए जा रहे हैं।