राज्यसभा में पास हुए तीन अहम कृषि बिल के खिलाफ पंजाब के किसानों ने आंदोलन तेज कर दिया है। गुरुवार को किसानों ने राज्य में तीन दिनों का 'रेल रोको' आंदोलन शुरू किया है। अमृतसर, फिरोजपुर जिलों में किसान रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठ गए हैं। दिल्ली की तरफ आने-जाने वाली गाड़ियां बाधित हुई हैं। किसानों ने शुक्रवार यानी 25 सितंबर को राज्यव्यापी बंद का एलान किया है। इस वजह से फिरोजपुर रेल मंडल ने 14 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इसके बाद एक अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए किसानों ने बंद का आह्वान किया है।
किसानों का कहना है कि सरकार हम किसानों से बात नहीं करना चाहती है। अगर हम इन कानूनों को स्वीकार नहीं करते हैं तो उन्हें जमीन पर लागू नहीं किया जा सकता है। हम लड़ते रहेंगे। यह लड़ाई 2, 5 या 10 साल चल सकती है। सरकार ये मत सोचे कि देश के किसान और मजदूर इन बिलों को स्वीकार कर लेंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अप्रत्याशित हंगामे के बीच ध्वनिमत से पारित कराए गए इन बिलों को वापस नहीं लिया तो उनका आंदोलन और तेज होगा। देश में चावल और गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा के किसान इन बिलों का विरोध कर रहे हैं।
रेलवे ने किसानों के आंदोलन को देखते हुए 24 से 26 सितंबर तक पंजाब में रेल परिचालन रद्द कर दिया है। 24 से 26 सितंबर तक कोई भी यात्री और पार्सल ट्रेन पंजाब नहीं जाएगी। ट्रेनों को अम्बाला कैंट, सहारनपुर और दिल्ली स्टेशन पर टर्मिनेट किया जाएगा। अम्बाला-लुधियाना और अम्बाला-चंडीगढ़ रेलमार्ग बंद रहेगा। 3 दिनों में 34 ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट, रद्द और रुट डायवर्ट किया जाएगा। इनमें 26 यात्री ट्रेनें हैं जबकि 8 पार्सल ट्रेन हैं।