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गुड़िया मामले में हिरासत में चल रहे पुलिसकर्मियों की बढ़ सकती है मुश्किलें

पीं. चंद |

गुड़िया प्रकरण से जुड़े सूरज लाॅकअप हत्याकाण्ड के मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे पुलिस वालों की मुसीबतें बढ़ती नज़र आ रही है। CBI ने आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। अगले सप्ताह जांच एजेंसी IG जहूर जैदी और डीएसपी मनोज जोशी सहित 8 पुलिस वालों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दायर कर देगी।

सूत्रों के अनुसार CBI द्वारा राज्य के गृह विभाग से आरोपी पुलिस वालों की अभियोजन मंजूरी की अनुमति मांगने संबंधी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। इस मामले में गिरफ्तार 8 पुलिस वाले न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। CBI ने इन्हें 29 अगस्त को गिरफ्तार किया था। प्रदेश हाईकोर्ट ने CBI को निर्देश दिए हैं कि आरोपियों के खिलाफ 30 नवंबर तक हर हाल में चार्जशीट पेश की जाए।

उधर, निलंबित एस.पी. डीडब्लयू नेगी सहित 9 आरोपी पुलिस वाले आज फिर अदालत में पेश किए जाएंगे। सभी आरोपी कंडा जेल में हैं तथा इनकी न्यायिक हिरासत की अवधि आज पूरी हो रही है। इससे पहले 23 नवंबर को अदालत ने आरोपियों को 3 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। CBI ने एसपी डीडब्लयू नेगी को 16 नवंबर को गिरफ्तार किया है। आईजी, एसपी व डीएसपी समेत इन 9 पुलिस वालों की सूरज की हिरासत में हुई मौत में संलिप्तता पाई गई थी।

गुड़िया केस में पकड़े गए एक आरोपी सूरज की बीते 18 जुलाई को कोटखाई थाने में मौत हो गई थी। CBI जांच में सामने आया है कि पुलिस लॉकअप में हुई सूरज की मौत को लेकर पुलिस अधिकारियों ने आपसी मिलीभगत से फर्जी केस बनाया। इसके तहत गुड़िया रेप और मर्डर केस में पकड़े गए राजू को सूरज की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए आरोपी बनाया गया। लेकिन सूत्रों की मानें तो CBI जांच में ऐसे तथ्य नहीं पाए गए, जिससे राजू को ही सूरज की हत्या का आरोपी करार दिया जा सके।

वायॅस सेंपल की अर्जी पर भी शनिवार को  होगी सुनवाई

इस बीच सूरज लाॅकअप हत्याकांड मामले में सीबीआई की वायॅस सेंपल की अर्जी पर भी शनिवार को ही सुनवाई होगी। दरअसल सीबीआई उक्त आरोपी पुलिस वालों के वाॅयस सेंपल लेना चाहती है। इसके लिए एजेंसी ने अदालत में अर्जी दी थी। यह मामला तीन बार सुनवाई के लिए लग चुका है। लेकिन तीनों बार आरोपी पुलिस वालों की पैरवी करने वाले वकील के अनुपस्थित नहीं होने पर मामले पर सुनवाई नहीं हो पाई।

उल्लेखनीय है कि पुलिस वालों की पैरवी करने वाले वकील को यहां की बार एसोसिएशन ने बर्खास्त कर रखा है। बार एसोसिएशन से अनुमति लेने के बाद ही वकील आरोपी पुलिस वालों के मामले की अदालत में पैरवी कर सकता है।