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मंडी: प्रशासनिक तालमें में कमी के चलते इग्नू का पेपर देने से वंचित रह गया कोरोना संक्रमित जवान

बीरबल शर्मा |

प्रशासनिक स्तर पर तालमेल की कमी और मामले को गंभीरता से न लेने का खामियाजा गुजरात से छुट्टी लेकर बीए फाइनल का पेपर देने आए सेना के जवान को भुगतना पड़ा। प्रशासन में तालमेल की कमी के चलते जवान फाइनल पेपर देने से वंचित रह गया। मंडी शहर के नेला में रहने वाला यह फौजी इग्नू से डिग्री कर रहा है, इन दिनों उसके फाइनल पेपर लगे हुए हैं। कुल तीन पेपर होने हैं। उसने बताया कि वह गुजरात में पोस्टिड है और वहां से स्पैशल पेपर के लिए ही छुट्टी लेकर 18 सितंबर को मंडी पहुंचा और होम आईसोलेट हो गया। 

इस दौरान वे आशा वर्कर के संपर्क में रहा और उसका 24 सितंबर को कोरोना टेस्ट हुआ जिसमें वे पॉजटिव पाया गया। हालांकि साथ ही रह रही उसकी पत्नी की रिपोर्ट नेगटिव आई है। उसने बताया कि उसके तीन पेपर होने हैं जिनमें से एक आज 29 सितंबर को था। कोरोना पॉजटिव आने पर जब उसने मंडी के इग्नू सेंटर में संपर्क करके अपने को कोरोना होने की सूचना देकर पेपर देने के लिए विशेष इंतजाम करने को कहा मगर इग्नू सेंटर की ओर से इसे प्रशासनिक मामला बताकर कोई मदद कर सकने में असमर्थता जताई। थक हार कर वह डीसी और एसडीएम के द्वार पर भी पहुंचा मगर कार्यालय में उनसे मुलाकात न होने पर उसका कोई समाधान नहीं निकला।

उसने इग्नू केंद्र में लिखित आवेदन किया तो इग्नू केंद्र समन्वयक जसवंत सिंह ने उपायुक्त मंडी को कोई प्रबंध करने का आग्रह किया मगर इसमें उन्होंने कोई पीपीई किट आदि न मांग कर केवल प्रबंध करने का आग्रह किया। उक्त संक्रमित फौजी ने जब मंगलवार को दोपहर 2 बजे होने वाले पेपर के लिए व्यवस्था हेतु संपर्क किया तो पीपीई किट व अन्य उपकरण न होने का हवाला देकर उसका इंतजाम नहीं हो पाया। ऐसे में वह पेपर देने से वंचित रह गया। इग्नू संक्रमित ने इस बारे में फौजी को लिखित तौर पर भी अपनी असमर्थता का जिक्र करते हुए पक्ष दे दिया। उसने प्रशासन और इग्नू केंद्र के समन्वयक से आग्रह किया है कि अब जो दो अन्य पेपर उसके 9 और 14 अक्तूबर को होने हैं उसकी व्यवस्था की जाए, हालांकि वह तब तक कोरोना मुक्त भी हो सकता है। फिर भी इसके लिए पहले से ही व्यवस्था हो जाए तो वह दो पेपर दे सकेगा।