राजधानी शिमला में भी दलित समुदाय और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष मोमबत्ती जला कर मौन प्रदर्शन किया और हाथरस मामले की केंद्र सरकार से सीबीआई जांच करने की मांग साथ ही आधी रात को युवती के दाह संस्कार पर पुलिस और जिला प्रशासन के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं दलित नेता रवि कुमार ने कहा कि उतर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ हुए गैंगरेप और निर्मम हत्या को लेकर हिमाचल में भी लोगों में गुस्सा है। अगर समय रहते उसका उपचार दिया जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। लेकिन सबूत मिटाने के लिए रात को ही बिना परिजनों को बताएं दाह संस्कार किया गया। जबकि हिंदू समाज में रात को दाहसंस्कार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार से जिला प्रशसन और पुलिस के अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की है।
दलित नेता ने कहा कि कंगना के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने सुरक्षा दी और उनके लिए लोग सड़कों पर उतर कर नारेबाजी करते रहे, लेकिन हाथरस में एक बेटी के साथ दुष्कर्म कर उनकी हत्या कर दी कोई आवाज तक नहीं उठा रहा। इस मामले की जांच के लिए उतर प्रदेश सरकार की ओर से एसआईटी का गठन किया गया, जिससे न तो परिजन और न ही लोग संतुष्ट है। इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए और दोषियों को सीधे फांसी पर लटकाया जाए।