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हाथरस घटना ने एक बार फिर राष्ट्र के रूप में हमें शर्मिंदा किया: GS बाली

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ हुई हैबानियत को लेकर पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा कि हाथरस केस ने एक बार फिर राष्ट्र के रूप में हमें शर्मिंदा किया है। दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता माने जाने वाले इस देश में कैसी मानसिकता के लोग भी भरे पड़े हैं, यह सोचकर ही ग्लानि और ग़ुस्सा आता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस का रवैया इस जघन्य अपराध के बाद भी शंकित करता है । क्या उस बेटी की चीख़ों में इतनी ताक़त नहीं थी जो इस सिस्टम और उसके मठाधीशों के कानों में जा पाती ।

पूर्व मंत्री ने कहा कि परिजनों को अपने जिगर के टुकड़े के अंतिम दर्शन भी करने नहीं दिए गए । आधी रात को शव जला दिया गया । दो दिन पहले शहीद भगत सिंह की जयंती हम लोग मना रहे थे। ब्रिटिश पुलिस ने आधी रात को उनका शव जलाया था । क्या आज़ाद भारत की पुलिस भी अपनी नाकामी छुपाने के लिए वैसा ही करेगी?

उन्होंने कहा कि यह हत्याएं किसी धर्म जात पात का मुद्दा नहीं हैं यह राष्ट्रीय शर्म का विषय है । आत्मप्रशंसा में मदमस्त उत्तर प्रदेश सरकार अपनी छवि को नुक़सान न पहुंचे, अपनी अक्रमण्यता जग ज़ाहिर न हो इसके लिए क्या मामलों को रफ़ा दफ़ा करने के लिए आधी रात को नैतिकता की चिता जलवा देगी ? राजनीतिक क्रेडिट के लिए हाथों में तख़्तियां लेकर गले फाड़ने वाले लोग और उनकी जूंडलिया क्या अब भी सड़कों पर निकलेंगे या उनका ज़मीर सहुलियत के हिसाब से घटना देखकर जागता है ।