उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। यह मांग कांग्रेस विधायकों और पूर्व मुख्य संसदीय सचिवों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर की है। यह पत्र राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया है। विधायक सुखविंदर सिंह सूक्खू, लखविंदर राणा, सतपाल रायजादा, हर्षवर्धन चौहान, सुंदर ठाकुर, पूर्व सीपीएस रोहित ठाकुर, सोहन लाल, राजेश धर्माणी, सोहन सिंह ने शुक्रवार को भेजे पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।
जनता का उत्पीड़न चरम पर है। बेटियों के साथ आए दिन दुष्कर्म हो रहे हैं, उनकी हत्या की जा रही है। प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है। जब विपक्ष आवाज उठाने की कोशिश करता है तो डंडे के बल पर उसे दबाने का प्रयास किया जाता है। वीरवार को राहुल गांधी और प्रियंका के साथ भी ऐसा ही किया गया। वह हाथरस जाकर दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलकर अपनी संवेदनाएं प्रकट करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उनके साथ न केवल दुर्व्यवहार किया, बल्कि राहुल गांधी को धक्के देकर नीचे गिराया गया। राहुल के साथ पुलिस का व्यवहार लोकतंत्र का गला घोंटने का ओच्छा प्रयास है।
राहुल औऱ प्रियंका के बढ़ते कदम डंडे के दम पर नहीं रोके जा सकते। पुलिस ने राहुल को नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए धक्का मारा है। जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश की सत्ता से बेदखल कर देगी। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देनी वाली भाजपा उत्तर प्रदेश में बेटियों को दुष्कर्मियों से बचाने में नाकाम रही है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नसीहत देते हुए कहा कि राहुल, प्रियंका को पीड़ितों के साथ मिलने से न रोकें, बल्कि दुष्कर्म की घटनाओं पर रोक लगाएं। राहुल और प्रियंका के साथ दुर्व्यवहार को कांग्रेसी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के परिवार के साथ राहुल, प्रियंका को न मिलने देना साफ दर्शाता है कि भाजपा डरी हुई है। मामले को लीपापोती कर दबाने की कोशिश की जा रही है।