परिवहन मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में शिमला में राज्य विकास परिवहन और सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सड़क सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने पर परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा हुई। बैठक में कहा गया कि प्रदेश में सालाना 1200 के करीब लोगों को सड़क हादसों में अपनी जान गवांनी पड़ती है। हालांकि पिछले एक-दो सालों में सड़क हादसों में जान गवांने वाले लोगों के आंकड़ों में कमी आई है। सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। इसी कड़ी में राज्य विकास परिवहन और सड़क सुरक्षा परिषद की आज शिमला में दूसरी बैठक हुई।
बैठक संपन्न होने के बाद मीडिया से बातचीत में परिवहन मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि सड़क सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। प्रदेश में सड़क हादसों को कम करने में सड़क सुरक्षा और जागरूकता का की अहम भूमिका निभा रहा है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने और बस सफर को सुरक्षित बनाने के लिए कई और कदम उठाने की नितांत आवश्यकता है जिस पर विभाग और परिवहन निगम मिलकर काम कर रहा है।
विक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि करोना काल में पथ परिवहन निगम को आय में 82 फीसदी का नुकसान हुआ है। कोरोना काल के पांच महीनों के दौरान 272 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान हिमाचल पथ परिवहन निगम को झेलना पड़ा। लोगों की सुविधा के लिए परिवहन निगम घाटे पर भी बसों को चलाने चला रही है प्रदेश में 50 फीसदी एचआरटीसी रूट्स घाटे पर चल रहे हैं। विक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के अंदर भीतर करीब 1700 रूटों पर 100 फीसदी सीट के साथ बस चलाई जा रही हैं। बाहरी राज्यों के लिए भी 10 से 15 दिनों के भीतर बस सेवाएं बहाल की जाएगी। पड़ोसी राज्य हरियाणा पंजाब चंडीगढ़ और उत्तराखंड के लिए बस सेवाएं बहाल करने को पड़ोसी राज्यों से हरी झंडी मिल चुकी हैं। लेकिन दिल्ली के लिए बस सेवा पर अभी संशय बरकरार है।