भारत सरकार ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते लगे यात्रा प्रतिबंध के बीच विदेश में फंसे तिब्बती शरणार्थियों को वापस लौटने की अनुमति दे दी है। इस साल मार्च के अंत से लॉकडाउन शुरू होने के बाद से भारत में अभी तक व्यावसायिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित हैं, जोकि विदेश में फंसे या रहने वाले लोगों के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई थी। यह समस्या भारत में रहने वाले निर्वासित तिब्बतियों के लिए भी कम परेशानी वाली नहीं रही है।
भारत सरकार देश में रहने वाले तिब्बती शरणार्थियों को पहचान का प्रमाण पत्र जारी करती है। यह देश के बाहर जाने के लिए तिब्बतियों के पासपोर्ट के रूप में कार्य करता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने 107 आव्रजन चेक पोस्ट के माध्यम से तिब्बती शरणार्थियों को विदेश लौटने की अनुमति दी है। गाइडलाइन के अनुसारए उनके प्रमाण पत्र पर वैध रिटर्न वीजा वाले तिब्बती भारत लौट सकते हैं और अगर वहां से वीजा समाप्त हो गए हैं, तो वे संबंधित भारतीय मिशन से एक नया रिटर्न वीजा प्राप्त कर सकते हैं। यह विदेशों से लौटने वाले तिब्बतियों के लिए एक बड़ी राहत की बात है, क्योंकि आईसी पर यात्रा करने वाले तिब्बतियों के लिए पहले से ही बहुत सारे भ्रम है।
गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक भारत में प्रवेश करने के लिए निर्वासित तिब्बतियों को अनुमति देने का निर्णय लिया गया है, जिनके पास भारत में अपना निवास है और विदेश मंत्रालय और रिटर्न वीजा द्वारा जारी पहचान का प्रमाण पत्र है। उनका रिटर्न वीज़ा भारत में उनके प्रवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए तत्काल प्रभाव से बहाल होगा। हालांकि, अगर ऐसे वीजा की वैधता समाप्त हो गई है, तो वे संबंधित भारतीय मिशनो से एक नया रिटर्न वीजा प्राप्त कर सकते हैं। याद रहे कि व्यावसायिक उड़ानें अभी भी निलंबित हैं, मात्र वंदे भारत या एयर बबल योजना के तहत सरकार से विशेष अनुमति के साथ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, यूएई, कतर, जर्मनी आदि देशों के लिए परिचालन हो रहा है।