देवभूमि हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं के साथ-साथ मठों का भी प्रदेश है। यहां कई प्राचीनतम मठ है। जो साधना, शिक्षा और तंत्र के लिए विख्यात है। हिमाचल के स्पीति जिला में भी कई मठ ऐसे है जो आकर्षण का केंद्र है। इनमें लगभग 13 हजार 500 फीट की ऊंचाई से काजा में कई ऐतिहासिक मठ है। इनमें कॉमिक गांव के पास प्रसिद्ध तांग्यूद गोम्पा मठ भी मौजूद है। ये 14 वीं सदी के शुरुआती दशकों के आसपास बनाया गया था। गोम्पा सा-काय-पी संप्रदाय से संबंधित है जिसका अपना महत्व है।
माना जाता है कि गोम्पा के बौद्ध विद्वानों की एक टीम ने तांग-आरजीयूड – तंत्र सिद्धि के संशोधन का कार्य पूरा किया जो 87 खंडों में तिब्बती ग्रंथों का एक वर्ग है। इस गोम्पा के लामा तंत्र में विशेषज्ञ माने जाते है। ये गोम्पा पहले हिल्किकिम गांव के पास था लेकिन 1 9 75 के भूकंप ने सब कुछ तबाह कर दिया उसके बाद इसे मौजूदा जगह लाया गया। मठ के अवशेष अभी भी हिल्किकिम के पास मिलते हैं।