कोरोना न तो अभी खत्म हुआ है और न ही कमजोर पड़ा है। सच तो यह है कि कोरोना अपनी पीक पर पहुंच गया है। मगर जिंदगी भी लंबे समय तक ठहर नहीं सकती है, नहीं तो कोरोना से भले ही बच जाएंगे तो भूख से नहीं बच पाएंगे। इसलिए कोरोना से बचते हुए जिंदगी की जंग को जीतना होगा। सीएमओ मंडी देविंद्र शर्मा ने जोनल अस्पताल में पत्रकारों के साथ ये बात कही।
उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव केलिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें आशा वर्करस और एएनएम की भूमिका अहम रहने वाली है। ये लोग घर-घर जाकर लोगों में जागरूकता पैदा करेंगी। जागरूकत अभियान का मूलमंत्र है मास्क पहनों, शारिरीक दूरी बनाए रखें और बार-बार हाथ धोयें। त्योहारी सीजन के चलते आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा रही है, जिसके चलते अब लोगों को पहले से कह ज्यादा सावधान होने की जरूरत है। वहीं पर सर्दियों का मौसम आने वाला है।
वहीं उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से सैंपलिंग की प्रक्रिया भी बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा लोगों को इ युनिटी बूस्टर, विटामीन सी और संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाएगी। मंडी जिला में 33119 लोगों के सैंपल लिए गए , जिसमें कोरोना के 2145 मामले सामने आए। इनमें से 1735 रिकवर कर गए हैं, जबकि 380 एक्टिव हैं।
डॉक्टर देविंद्र शर्मा ने बताया कि मंडी जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन के तहत जिला में कोरोना संक्रमित लोगों को संभालने केलिए पुन: इंतजाम कर रखे हैं। उन्होंने बताया कि मंडी जिला में कोविड सेंटरों और डेडिकेटिड कोविड सेंटरों में करीब पांच हजार लोगों को संभालने की क्षमता विकसित कर रखी है। इसमें कोरोना संक्रमितों के ठहरने , खाने और चिकित्सा आदि की पूरी व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि कोविड सेंटरों में रोगियों को संतुलित आहार जिसमें फल, चपाती, चावल, सब्जियां, रायता , स्वीट डिस तथा दवाएं , काढ़ा आदि की व्यवस्था की जाती है।