लड़भडोल तहसील के सिमस गांव में संतान दात्री सिमसा माता का एक अनोखा मंदिर है। मान्यता है कि इस देवी के मंदिर में निसंतान महिलाओं के फर्श पर सोने से संतान की प्राप्ति होती है। लेकिन इस बार कारोना के चलते महिलाएं मंदिर में संतान प्राप्ति के लिए मंदिर परिसर में सो नही पाएंगी। संतान दात्री माता सिमसा मंदिर में 17 अक्टूबर शानिवार से शुरू हो रहे शरद नवरात्रों के लिए मंदिर कमेटी ने पूरी तैयारी कर ली है।
शारदा माता मंदिर कमेटी प्रधान विनोद राय ने कहा कि इस बार निर्णय लिया गया है कि संतान प्राप्ति के लिए मंदिर में फ़र्श पर सोने वाली महिलाओं को सोने की इजाज़त नहीं होगी। मंदिर में लंगर की व्यवस्था भी नहीं की जाएगी। साथ ही कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए उन्होंने वृद्ध व्यक्तियों और बच्चों को मंदिर आने से परेहज करने की अपील की गई है। दर्शनों के लिए एक-एक करके माता सिमसा के दर्शन करें साथ ही मास्क और सेनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें।
सिमसा माता मंदिर कमेटी प्रधान विनोद राय ने बताया कि सिमसा माता मंदिर के पास एक विशाल पत्थर है जिसको पूरी ताक़त लगाकर हिलाना चाहो तो नहीं हिलता है। लेकिन जब हाथ की सबसे छोटी ऊंगली से इस पत्थर को हिलाओगे तो यह हिल जाता है। वैसे भी कारोना काल के चलते मंदिरों में भीड़ जमा न होने और कारोना के नियमों का शख़्त पालन करने की हिदायतें दी गई है।