हिमाचल प्रदेश की सुंदर वादियां और बर्फबारी हमेशा से पर्यटकों को आनंदित करती है। इन दिनों भी हाल कुछ ऐसा ही है। पूरे प्रदेश में हो रही बर्फबारी का आनंद लेने हजारों लोग यहां आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि लोग सिर्फ इन्ही कारणों से यहां आते हैं। इस प्रदेश में कई ऐसे स्थान हैं जिनके बारे में कम लोग ही जानते हैं, पर यह स्थान अपने आप में अद्भुत हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको बता रहे हैं कुल्लू के मलाणा गांव के बारे में जहां, कुछ भी छूने पर एक हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाता है।
सिकंदर की सेना के वंशज
अपनी हर अनोखी परंपरा और विशेषता के कारण दुनियाभर में पहचान बना चुका कुल्लू जिले का मलाणा गांव वास्तव में दुनियां में अनोखा है। मलाणा अपनी अनोखी और विचित्र परंपराओं के कारण ही दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी और खींच रहा है। करीब 2 हजार साल पुरानी विश्व की पहली लोकतांत्रिक व्यवस्था यहां पर आज भी जारी है। मलाणा गांव भारत का ऐसा गांव भी है, जहां भारतीय संविधान का नियम कानून कुछ भी नहीं चलते। जिनको, जो देश भर में क्यां हो रहा है, उससे कोई मतलब नहीं । शायद आप कहेंगे ऐसा तो कोई गांव नहीं, तो आप गलत हैं । हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा भी गांव है, जहां के लोग ना केवल भारत के कानून नहीं मानते, बल्कि यहां के लोग खुद को सिकंदर का वंशज मानते हैं। अपने बारे में वह कहते हैं कि सिकंदर की सेना जब वापस लौट रही थी, तब उसकी सेना के कुछ सैनिक इसी गांव में रुक गए थे। उन्हीं सैनिकों के वंशज आज इस गांव के मूल निवासी हैं। यहां के जो लोग भाषा बोलते हैं उनमें कई शब्द ग्रीक के हैं। यही कारण हैं कि यहां के रीति-रिवाज बिलकुल अलग तरह के हैं।
कुछ भी छुआ तो लगता है जुर्माना
अपनी विचित्र परंपराओं लोकतांत्रिक व्यवस्था के कारण पहचाने जाने वाले इस गांव में हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। इनके रुकने की व्यवस्था इस गांव में नहीं है। पर्यटक गांव के बाहर टेंट में रहते हैं। अगर इस गांव में किसी ने मकान-दुकान या यहां के किसी निवासी को छू (टच) लिया तो यहां के लोग उस व्यक्ति से 1000 रुपये वसूलते हैं।
लगा रखे हैं नोटिस बोर्ड
ऐसा नहीं हैं कि यहां के निवासी यहां आने वाले लोगों से जबरन वसूली करते हों। मलाणा के लोगों ने यहां हर जगह नोटिस बोर्ड लगा रखे हैं। इन नोटिस बोर्ड पर साफ-साफ चेतावनी लिखी गई है। गांव के लोग बाहरी लोगों पर हर पल निगाह रखते हैं, जरा सी लापरवाही भी यहां आने वालों पर भारी पड़ जाती है।
दुकान के बाहर रखो रुपये फिर मिलता है सामान
मलाणा गांव में कुछ दुकानें भी हैं। इन पर गांव के लोग तो आसानी से सामान खरीद सकते हैं, पर बाहरी लोग दुकान में न जा सकते हैं न दुकान छू सकते हैं। बाहरी ग्राहकों के दुकान के बाहर से ही खड़े होकर सामान मांगना पड़ता है। दुकानदार पहले सामान की कीमत बताते हैं। रुपये दुकान के बाहर रखवाने के बाद सामन भी बाहर रख देते हैं।