HRTC कंडक्टर भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर पूर्व मंत्री जीएस बाली ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग अगर पेपर करवा रहा है तब भी अगर पेपर लीक हो रहा है तो यह बड़े ही शर्म की बात है। सरकार को मामले की जांच करनी चाहिए कि कैसे पेपर लीक हुआ और कैसे ये स्क्रीन शॉट बाहर आया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आज बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है और जो लोग मेहनत करके पेपर देने जाते हैं उन लोगों का विश्वास सरकार के ऊपर से उठ जाएगा।
पूर्व मंत्री ने कहा कि हमारे कार्यकाल में होने वाली हर भर्ती को लेकर बीजेपी ने विपक्ष में रहते हुए लांछन लगाए। बीजेपी ने बिना बात भर्ती रुकवाने को मामले कोर्ट तक पहुंचाए। लेकिन आखिर में कोर्ट से भी हर तरह की क्लीन चिट मिली। बीजेपी ने भर्ती हो रहे बेरोजगारों को तंग किया और उन्हें लटकाया। लेकिन अब जब बीजेपी की सरकार है तो भर्तीयों में गड़बड़झाले सामने आ रहे हैं। सरकार प्रदेश के बेरोजगार युवाओं की चिंता न कर बाहरी लोगों को नौकरियां दे रही है। परीक्षा केंद्रों से परीक्षा के दौरान ही प्रशन पत्र बाहर घूम रहे हैं।
बाली ने कहा कि सरकार को मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार को जल्द से जल्द पेपर रद्द करने के आदेश देने चाहिए। क्योंकि यह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है । अगर चयन बोर्ड के अधिकारियों की गलती है तो उनपे कार्यवाही होनी चाहिए। अगर यह पेपर लीक हुआ है तो बाकी पेपर भी लीक हुए होंगे। पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े का मामला भी कांगड़ा में सामने आया था लेकिन उसमें भी कोई एक्शन नहीं हुआ ।
बता दें कि रविवार को कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 568 पदों के लिए कंडक्टर भर्ती की लिखित परिक्षा आयोजित की गई। परीक्षा के लिए 65 हजार के करीब अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। लेकिन सुबह 10 बजे जैसे ही पेपर शुरू हुआ और करीब 10 बजकर 22 मिनट पर सोशल मीडिया पर पेपर के स्क्रीन शॉट वायरल होने शुरू हो गए । समाचार फर्स्ट ने सबसे पहले इस खबर को चलाया था जिसके बाद से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह प्रशन पत्र लीक कैसे हुए और एग्जाम हॉल में मोबाइल कैसे पहुंचा और अब सरकार इस मामले को लेकर क्या फैसला लेगी।