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स्कूलों में बच्चों को भेजना कितना सुरक्षित, क्योंकि स्टाफ भी आने लगा कोरोना पॉजिटिव

पी.चंद, शिमला |

भले ही कारोना काल में शिक्षा विभाग स्कूलों को खोलने की बात कर रहा है। लेकिन स्कूलों में बच्चों को भेजना कितना सुरक्षित है। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई स्कूलों का स्टाफ भी कारोना पॉजिटिव पाया जा रहा है। यहां तक कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे है। ताज़ा मामले कांगड़ा के देहरा ब्लॉक के पिहड़ी सिनियर सेकेंडरी स्कूल के आए है । जहां से शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

उसके बाद से छात्र औऱ अविभावक दोनों ख़ौफ़ज़दा है। इसके अलावा भी कुछ निज़ी स्कूल भी है जिनके स्टाफ के कर्मी और शिक्षक पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। हालांकि सरकार और अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे है। भले ही शिक्षा विभाग ने अविभावकों की लिखित सहमति के बाद बच्चों को स्कूल भेजने की बात कही है। इसका सीधा अर्थ ये है कि यदि आपका बच्चा कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो इसकी जिम्मेदारी आपके ऊपर होगी। फ़िलहाल अभी बहुत कम छात्र ही स्कूल की दहलीज़ तक पहुंच पा रहे हैं।