पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने एक बार फ़िर गुड़िया कांड पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया। शांता कुमार ने लिखा कि आज दुखी परिवार न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के चक्कर काट रहा है। परिजनों के हिसाब से आज भी अपराधी खुलेआम घूम रहा है। मैं आग्रह करता हूं कि मुख्यमंत्री एक नई विशेष जांच समिति बनाएं जिसमें प्रदेश के 3 अवकाश प्राप्त औऱ 3 वर्तमान प्रमुख पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया जाए। यदि उचित लगे तो कुछ आईएएस अधिकारी भी शामिल किये जाए।
उसमें विपक्ष को पूरी तरह विश्वाश में लिया जाए औऱ जरूरत पड़े तो 6 में से दो या तीन नियुक्तियां विपक्ष के नेताओं के सुझाव पर की जाएं। सरकार स्वयं हिमाचल उच्च न्यायालय को निवेदन करे कि इस विषेश जांच समिति की जांच की निगरानी उच्च न्यायालय करे। उन्होंने कहा कि सी.बी.आई. खाली हाथ लौटी है उसका एक ही कारण था कि उस समय के कुछ पुलिस अधिकारियों ने किसी बड़े नेता के कहने पर सभी सबूतों को पूरे वैज्ञानिक तरीके से नष्ट कर दिया था। लेकिन कोई अपराध ऐसा नहीं होता जो अपने पीछे कोई ना कोई निशानी न छोड़े। तलाश करने वाले तलाश करते हैं।
शांता कुमार ने अनुभव के आधार पर कहा है कि हिमाचल की सरकारी अफसरशाही भारत में योग्यता में किसी से कम नहीं है। उन्होंने विश्वास से कहा है कि इस जांच से अपराधी आवश्य पकड़े जाएंगे। हिमाचल प्रशासन के लिए यह बड़े गर्व की बात होगी कि जो सी.बी.आई नहीं कर सकी वह प्रदेश सरकार ने कर दिखाया। यदि न भी हो तो कम से कम उस परिवार को और प्रदेश की जनता को यह संतुष्टी तो हो जाएगी कि हिमाचल सरकार ने यथासंभव बड़े से बड़ा प्रयत्न किया है।