अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ शुरू हो गया है। पहली बार इतने कम देवी देवताओं ने इस शोभायात्रा में भाग लिया और कोरोना के संकट के चलते मात्र 200 श्रद्धालु ही इसमें शामिल हो सके। रथयात्रा में देवता बिजली महादेव, नाग धुम्बल, आदीब्रह्मा, देवता गोहरी, जमलू ऋषि, लक्ष्मी नारायण, देवी हिडिम्बा, त्रिपुरा सुंदरी, ने भाग लिया।
दोपहर करीब चार बजे भगवान रघुनाथ अपने हारियानों के साथ अपने मन्दिर से ढालपुर के लिए रवाना हुए। इस दौरान पुलिस प्रशासन के द्वारा लोअर ढालपुर व ढालपुर बाजार को बंद रखा गया। वही, ढालपुर में लोगो की भीड़ न हो सके इसके लिए भी जगह जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। हालांकि रथ मैदान के आसपास लोगों की भीड़ जुट रही थी। लेकिन पुलिस ने लोगों को रथ मैदान से दूर ही रखा और लोगो ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ही भगवान रघुनाथ की रथयात्रा देखी।
भगवान रघुनाथ के ढालपुर पहुंचते ही मैदान ढोल नगाड़ों की थाप से गूंज उठा और पूरा मैदान भक्तिमय हो उठा। मैदान आने पर पुजारियों के द्वारा भगवान की पूजा की गई और भगवान को रथ पर विराजमान किया गया। वही, देवी भेखली का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू की गई और भगवान अगले 7 दिनों के लिए ढालपुर के अपने अस्थाई शिविर में विराजमान हो गए।
इस रथयात्रा में 7 देवी देवताओं ने अपने हारियानों के साथ भाग लिया और सभी हारियानों ने फेस कवर के साथ साथ सामाजिक दूरी के नियमो का भी पालन किया। गौर रहे कि इस दौरान लोगों ने जगह-जगह देवी-देवताओं का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। माता हिडिंबा, देवता जमलू और लक्ष्मी नारायण ने कहा कि किसी प्रकार से डरने की बात नहीं, दशहरा में कोई अनहोनी नहीं होने देंगे