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विकास के नाम पर्यावरण से हुई छेड़छाड़, जलवायु बनी बड़ी चुनौती

पी. चंद |

हिमचाल प्रदेश की प्राकृतिक संपदा यहां के पहाड़, वन और नदियां हैं। यह सब संपदाएं देश ही नहीं बल्कि विश्व को प्रभावित करते हैं। लेकिन, विकास के नाम हिमाचल का सीना जिस तरह से छननी किया गया वह किसी से छिपा नहीं है। इसको लेकर पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीकी विभाग भी चिंता में है।

विभाग के निदेशक अर्चना शर्मा का कहना है कि जलवायु परिवर्तन आज विश्व भर की समस्या है। इसको सुलझाने के लिए सयुंक्त प्रयास करने होंगे। ये बात वन-पर्यावरण मंत्रालय द्वारा  2017 को 'जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण' पर एक-दिवसीय राज्य-स्तरीय मीडिया कार्यशाला में सामने आई। इसमें हिमाचल में हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारणों एवं उसके प्रभावों पर चर्चा की गई।

अर्चना शर्मा ने बताया कि जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण के बारे में जनता को जागरूक करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया जलवायु परिवर्तन से संबंधित विषयों पर सटीक कवरेज कर बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भागीदारी बढ़ाने में सकारात्मक भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि हमने जल, जंगल, जमीन और वायुमंडल के साथ जो खिलवाड़ किया है, उससे परिवर्तित हो रही जलवायु के कारण जैव विविधता संकट में है।