भारतीय मजदूर संघ ने धर्मशाला में श्रम कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया। इस मौके पर श्रम नियमों में श्रमिक विरोधी संशोधनों बारे डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा। आशा वर्कर ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं- सहायिकाओं, मिड-डे-मील और सिलाई अधियापिकाओं सहित आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करने और न्यूनतम 18 हजार रुपये के वेतन की मांग प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के समक्ष रखी।
कार्यकर्ताओं ने पुरानी पेंशन योजना को वर्ष 2003 के बाद से कर्मचारियों को दिए जाने की मांग को भी उठाया। इस मौके पर उपस्थित आशा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश और केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर श्रम नियमों में श्रमिक विरोधी संशोधन नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश की आशा वर्कर सड़को पर उतर कर धरना प्रदर्शन करेंगी।