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मंडीः अब बदल जाएगा हर घर का नंबर, दस्तावेजों में अपग्रेड के लिए खूब करनी पड़ेगी लोगों को कसरत

बीरबल शर्मा, मंडी |

मंडी के नगर निगम बन जाने से कुछ हल्कों को छोड़ कर बाकी सभी लोग खुशी से बल्लियां उछल रहे हैं। यह बात अलग है परिसीमिन को लेकर कई वार्डों में काफी रोश भी देखा जा रहा है। विभाग औऱ प्रशासन ने इसके लिए 5 नवंबर तक आपत्तियां और सुझाव भी मांग रखे हैं। एक तरह से नगर निगम के लिए चुनावी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। चुनाव की तारीखें भी नवंबर महीने में ही घोषित हो जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। दिसंबर जनवरी में चुनाव भी संपन्न हो जाएंगे।

अब मंडी नगर निगम की ही बात करें तो वार्डों के गठन के साथ ही शहर वार्डों के सभी मकानों के नंबर बदल जाएंगे। पुरानी नगर परिषद  का केवल पुरानी मंडी वार्ड नंबर दो ही बहाल रहा है जिसे अब खलियार के साथ जोड़ा गया है बाकी सभी के नंबर बदल गए हैं। ऐसे पुरानी मंडी को छोड़ कर सभी वार्डों के नंबर भी बदल जाएंगे। मकान नंबर तो नगर निगम में शामिल 15 वार्डों की लगभग 41 हजार आबादी के ही बदल जाएंगे। ऐसे में आने वाले समय में सभी को अपने एडरेस परूफ के तौर पर कहीं भी प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों में नए नंबर डालने होंगे जबकि इससे पहले चल रहे पुराने नंबर जो दस्तावेजों जिनमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, हर तरह के लाइसेंस, पहचान पत्र, बैंक खाता, बीमा पालिसी, पासपोर्ट , वाहन की आरसी समेत दर्जनों दस्तावेजों में नए मकान व वार्ड नंबर दर्ज करवाने होंगे और इसके लिए खूब पसीना बहाना पड़ सकता है।

हालांकि इससे पहले भी मंडी शहर में जब-जब वार्डों का परिसीमन हुआ है तो मकान और वार्ड नंबर बदलने पड़े हैं मगर पहले नंबर बदलने से ज्यादा दिक्कत नहीं आती थी क्योंकि सब जगह मैनुअल काम होता था और कहीं भी एक साधारण आवेदन पत्र देकर काम हो जाता था, मगर अब चूंकि समूची प्रणाली ही डिजिटाइजेशन में बदल चुकी है ऐसे में कंप्यूटर तब तक नया नंबर स्वीकार नहीं करेगा जब तक आधार नंबर या किसी दूसरे दस्तावेज को नए नंबर के साथ अपग्रेड नहीं करवाया होगा। सभी दस्तावेज नए एडरेस परूफ के साथ अपग्रेड करवाने होंगे करवाने होंगे। ऐसे में नगर निगम की खुशी के साथ-साथ जनता को आने वाली परेशानियों से दो चार होने के लिए भी तैयार रहना होगा। दस्तावेजों का दुरूस्तीकरण कोई आसान काम नहीं है और इसके लिए कई तरह की औपचारिकताएं पूरी करने में पसीना तो बहेगा ही। नगर निगम बनने की खुशी में चूर लोगों को राहत देने के लिए शहरी विकास विभाग को पहल करनी चाहिए ताकि लोगों को नए नंबर अलाट होने के बाद अपने दस्तावेजों में अपग्रेडेशन की दिक्कत न आए।

इस बारे में नगर परिषद मंडी की अध्यक्ष सुमन ठाकुर जो नए नगर निगम के मेयर पद की दौड़ में सबसे आगे बताई जा रही हैं और भाजपा से जुड़ी हैं का कहना है कि नगर निगम के अस्तित्व में आने के बाद मंडी शहर के सभी नए पुराने वार्डों और घरों के नंबर बदल जाएंगे। हम इस बारे में शहरी विकास विभाग से मांग उठाएंगे कि लोगों को अपने दस्तावेज अपग्रेड करवाने में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए कोई ठोस योजना तैयार की जाए।

इधर, नगर परिषद मंडी के पूर्व अध्यक्ष पुष्प राज जो कांग्रेस से जुड़े हैं व मेयर पद की दौड़ में शामिल हैं का कहना है कि सभी वार्डों और घरों के नंबर बदल जाएंगे। सभी को अपने दस्तावेजों में ये नंबर अपग्रेड करवाने पड़ेंगे, यह कोई छोटा काम नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह इस दिक्कत जो आने वाले समय में साक्षात नजर आएगी को कम करने बारे कोई उपाय निकाले। उन्होंने बताया कि जो लोग नगर निगम बनने पर लड्डू बांट रहे हैं वह आने वाली परेशानियों से अनिभिज्ञ हैं।

इधर, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बी आर नेगी का कहना है कि अब वह तो मंडी नगर परिषद के अंतिम सचिव हो गए हैं। नगर निगम बन जाने से अब यहां पर सचिव नहीं कमीशनर बैठेंगे और वह लोगों की हर समस्या का निदान करने में सक्षम होंगे। जहां तक मकान और वार्ड नंबर बदलने की बात है और नए नंबरों के अपग्रेड किए जाने की बात है तो यह तो पहले भी होता रहा है और अब भी हो जाएगा। यह जरूर है डिजिटाइजेशन की प्रणाली के चलते कुछ अलग तरह से इसे हल करना होगा।