जिला कांगड़ा के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत, अप्पर लंज के क़रीब 60 परिवारों के लिए राज्य सरकार के जल शक्ति विभाग द्वारा निर्मित ‘कोहलाञ कूहल ख़ुशियों की सौग़ात लेकर आई है। कोहला कूहल के बनने से अप्पर लंज में सालों बाद धान की खेती का पुनर्जीवन संभव हो पाया है। पंचायत प्रधान ओंकार सिंह बताते हैं कि आज से कई साल पहले लंज पंचायत के लोग कोहला क्षेत्र में गज खड्ड में अस्थाई बॉंध बनाकर अपने खेतों में गेहं, धान और सब्ज़ियां आदि उगाते थे। लेकिन प्रकृति के साथ होने वाली मानवीय छेड़छाड़ का असर धीरे-धीरे गज खड्ड के जलस्तर पर भी दिखने लगा। पानी की उचित व्यवस्था न होने के कारण समय के साथ यहॉं के किसानों ने खेती-बाड़ी करना छोड़ दिया। परिणामस्वरूप ज़मीन खाली रहने लगी। देखते ही देखते सैंकड़ों कनाल ज़मीन बंजर हो गई।
गांव के ही किसान संसार चन्द, रत्न चन्द, त्रिलोक चन्द, महेंद्र सिंह, प्रीतम चन्द तथा हरीराम बताते हैं कि ख़ाली ज़मीन देखकर गाँव के लोग अपना मन मसोस कर रह जाते थे। लेकिन वह कर भी क्या सकते थे? किन्तु अब सभी किसान राज्य सरकार द्वारा लंज में लगभग 39.82 लाख रुपये की लागत से निर्मित ‘कोहला कूहल’ के लिए उसका धन्यवाद करते हुए बताते हैं कि इस वर्ष क्षेत्र में इस कूहल के निर्माण से सिंचाई की समुचित व्यवस्था होने के कारण सभी किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हुआ है। इस कूहल की लम्बाई 1100 मीटर है। अब यहां के किसान धान की खेती के साथ अन्य नक़दी फ़सलों की ओर ध्यान दे रहे हैं।
ग़ौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के अंर्तगत कूहलों तथा बहाव सिंचाई योजनाओं के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा फ़सल विविधीकरण, कृषि प्रौद्योगिकी तथा प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों की हर संभव सहायता की जा रही है। पंचायत प्रधान ओंकार चंद इसके लिए प्रदेश सरकार तथा जल शक्ति विभाग को धन्यवाद देते हैं। जलशक्ति विभाग, वृत धर्मशाला के अधीक्षण अभियंता सुरेश महाजन कहते हैं कि धर्मशाला जलशक्ति वृत के अंतर्गत धर्मशाला, नगरोटा बगवां, शाहपुर, देहरा, जसवां-परागपुर, पालमपुर तथा थुरल मण्डल में 56 बहाव सिंचाई योजनाओं और 60 उठाऊ सिंचाई योजनाओं का कार्य प्रगति पर है।
इन योजनाओं में सरकार द्वारा हर खेत को पानी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत आरम्भ की गईं 39 योजनाएं भी शामिल हैं। इनके पूरा होने पर धर्मशाला वृत के अंतर्गत इन मण्डलों में आने वाले किसानों की 14,219 हेक्टेयर भूमि में सिचाई संभव हो सकेगी। उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति कहते हैं कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न सिंचाई योजनाएं आरम्भ की हैं। सिंचाई योजनाओं के माध्यम से फसलों में विविधता लाने और सब्ज़ियों के उत्पादन में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि कृषकों की आय में वृद्धि की जा सके। ज़िला कांगड़ा में विभिन्न सिंचाई योजनाओं पर 137 करोड़ की धनराशि व्यय की जा रही है।