भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान शिमला में कर्मचारियों को अधिकारियों की आपसी लड़ाई का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।अधिकारियों की लड़ाई के कारण कर्मचारियों की सैलरी रुक गयी है और कर्मचारी प्रशासन के खिलाफ उतर आए हैं। कर्मचारियों को त्यौहारी सीजन में सचिव के निजी स्वार्थों के कारण प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। निदेशक के आदेशों को सचिव नहीं मान रहे हैं और निदेशक भी असमर्थता जता रहे हैं।
एडवांस स्टडी के कर्मचारियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में अधिकारियों की आपसी लड़ाई के कारण कर्मचारियों को सैलरी समय पर नहीं मिल रही है जिसके कारण कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।निदेशक और सचिव की आपसी लड़ाई कर्मचारियों पर भारी पड़ रही है।सचिव तानाशाही रवैया अपना रहे हैं और निदेशक के आदेशों को भी सचिव ठेंगा दिखा रहे हैं।एडवांस स्टडी के कर्मचारियों के समर्थन में केंद्रीय कर्मचारी समन्वय कमेटी भी आ गयी है और मामले को लेकर चिंता जताई है।
मामले को लेकर एडवांस स्टडी शिमला के निदेशक मकरंद आर परांजपे का कहना है कि कर्मचारियों की सैलरी जारी करने के 29 अक्टूबर को ही सचिव को लिखित में आदेश दे दिए गए थे लेकिन सचिव अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति न होने से कर्मचारियों की सैलरी को भी रोक रहे हैं और फ़ाइल को इधर उधर ही घुमाए जा रहे हैं।
सचिव 18000 रुपए मिल्ट्री सर्विस पे ले रहे हैं लेकिन सिविल सेवाओं में आने के बाद यह सुविधा नहीं मिल सकती है जिसको लेकर मामला सेना से उठाया गया और इसे रोकने के लिए कहा गया है इसी बात को लेकर सचिव काफी तैश में है और अपने स्वार्थ पूरे ना होने पर कर्मचारियों को भी प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं और निदेशक के आदेशों को भी नहीं मान रहे हैं।