मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ आई. जस्टर से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध एक ‘वैश्विक रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में विकसित हुए हैं यह संबंध साझे लोकतांत्रिक मूल्यों और द्विपक्षीय, क्षेत्रिय व वैश्विक मुद्दों पर बढ़ते समावेश पर आधारित है। इससे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करने के लिए अवसर सृजित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य और भव्यता से परिपूर्ण है। उद्यमियों को राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के समुचित अवसर उपलब्ध है। राज्य का शान्त वातावरण और मनमोहक घाटियां पर्यटकों को बार-बार यहां आने के लिए आकर्षित करती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां अमेरिका के कोलोराडो और कैलिफोर्निया राज्य से मिलती-जुलती है। इससे पर्यटन के क्षेत्र में परस्पर सहयोग की अपार सम्भावनाएं हैं। अमेरिकी कंपनियां स्की रिजॉर्ट, स्की लिफ्ट और जिला शिमला की चांशल घाटी में स्की स्लोपस के विकास, जिला कांगड़ा के पौंग बांध जलाशय में अन्तराष्ट्रीय जल क्रीड़ा गतिविधियों के विकास और जिला मण्डी के जंजैहली में थीम पार्क और शिकारी माता तक रज्जूमार्ग के निर्माण में निवेश कर सकती हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बागवानी और संबंधित क्षेत्रों में भी निवेश की अपार सम्भावनाएं उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज, सीए स्टोर, पैक हाउस और प्रसंस्करण इकाई आदि क्षेत्रों में भी निवेश की काफी क्षमता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं इस वर्ष 26 जून को अमेरिका-भारत उद्योग काउंसिल के साथ आयोजित वेबिनार भाग लिया और औद्योगिक क्षेत्र में निवेश के अवसरों के बारे में प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत वर्ष नवम्बर माह के दौरान धर्मशाला में पर्यटन, विद्युत, स्वास्थ्य उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में अधिक निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान पर्यटन क्षेत्र में ही लगभग 17541 करोड़ रुपये के 256 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य में ‘बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क’ स्थापित करने के लिए मजबूत दावेदार बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न अमेरिकी कंपनियां पहले से ही राज्य में दवाओं के उत्पादन कार्य कर रही है। उन्होंने अमेरिकी राजदूत से अमेरिका की बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइस कंपनियों को प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। हिमाचल प्रदेश देश का ‘इंडस्ट्रियल हब’ बनकर उभरा है। अमेरिकी कंपनियां इलैक्ट्रिकल और ऊर्जा उपकरणों में निवेश कर हिमाचल प्रदेश को इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।