शिमला सहित अन्य जिलों में पत्रकारों पर दर्ज किए जा रहे मामलों को लेकर प्रेस क्लब शिमला के नेतृत्व में दर्जनों पत्रकार आज होटल पीटरहॉफ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री से ज्ञापन में मांग की गई है कि पत्रकारों पर दर्ज झूठे मामलों को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पत्रकारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इससे जहां पत्रकारों की छवि धूमिल हो रही है, वहीं उन्हें मानसिक उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक मामला हाल में विजिलेंस द्वारा राजधानी शिमला के एक वरिष्ठ और अनुभवी पत्रकार बलदेव शर्मा के विरूद्व दर्ज किया गया है। ऐसे मामले पत्रकारों को प्रताड़ित करने के लिए किए जा रहे हैं और इस तरह की कार्रवाई पत्रकारों की स्वतत्रंता और उनके हितों पर कुठाराघात है। कोरोना काल में पत्रकारों ने अपनी जान की परवाह किए बिना निष्पक्ष पत्रकारिता कर जनता और सरकार के बीच सेतू का काम किया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि पत्रकारों के विरूद्व दर्ज किए जा रहे झूठे मामलों को तुरंत वापिस ले।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा प्रदेश सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ "प्रेस" का सम्मान करती है और बदले की भावना से किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान पत्रकारों पर हुए मामलों को वापस लेने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि पत्रकारों पर दर्ज मामलों को चरणबद्ध तरीके से वापस लिया जाएगा। इससे पहले प्रेस क्लब के सभागार में पत्रकारों ने आपात बैठक बुलाकर शिमला के वरिष्ठ पत्रकार बलदेव शर्मा सहित अन्य पत्रकारों पर पुलिस द्वारा दर्ज की गईं एफआईआर पर चिंता जताई और इसे पत्रकारों के हितों पर कुठाराघात करार दिया।