दीपावली के लिए मात्र दो चार दिन शेष होने के बावजूद इस बार कोरोना महामारी के चलते बाजारों में पहले जैसे खरीददार नहीं है। उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह में हांलांकि सामान्य से ज्यादा भीड़ भाड़ देखी गई, मगर दुकानदारों की मानें तो भीड़ में खरीदार कम है। स्कूल-कॉलेज खुलना और विभिन्न सरकारी कार्यों से लोगों का यहां पंहुचना यहां चहल-पहल का मुख्य कारण बताया गया।
वहीं, अपनी लोक संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण के लिए मशहूर जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में सदियों से दिवाली का त्योहार लगभग सप्ताह भर हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। क्षेत्र के विभिन्न गांवों में चौदश, अंवास, पोड़ोई, दूज, तीज, चौथ और पंचमी आदि के नाम से यह पर्व मनाया जाता है। इस दौरान सांस्कृतिक संध्याओं का दौर चलता है। गत वर्ष तक हांलांकि लोग एक महीने पहले से ही दिवाली की तैयारियों में जुट जाते थे, मगर इस वर्ष पहले जैसा जोश नजर नहीं आ रहा है।
वैश्विक कोरोना महामारी ने दीपावली का उत्साह पहले से कम कर दिया है। क्षेत्र में इस बार सांस्कृतिक संध्याओं में पहले की तरह हिमाचल के ख्यातिप्राप्त कलाकारों को बुलाने की संभावना भी कम है। बहरहाल इस साल जहां कोरोनावायरस क्षेत्र में बैसाख मास में होने वाले बीशु मेलों को निगल गया, वहीं अब दिवाली को लेकर भी बाजारों और आम लोगों में मायूसी देखी जा रही है।