जिला मंडी के स्कूलों में सैंकड़ों शिक्षकों और बच्चों के सामूहिक तौर पर संक्रमित होने पर डीसी मंडी ऋगवेद ठाकुर ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए ऐसे सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और मुख्याध्यापकों से सपष्टीकरण मांगा है कि इस संक्रमण के इतने बड़े स्तर पर फैलने का कारण बताया जाए।
डीसी मंडी ने अपने पत्र डीसी एमएनडी डीडीएमए डीइओसी कोविड -19 2020 दिनांक 9 नवंबर 2020 के तहत कहा है कि स्कूलों में जो संक्रमण फैला है उसके लिए स्कूल प्रबंधन की लापरवाही कहीं न कहीं जिम्मेवार है। इस पत्र में यह भी कहा है कि ऐसा लगता है कि स्कूल प्रबंधन ने प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों को खोलने के लिए जारी की गई एसओपी का सही पालन नहीं किया है। डीसी के इन आदेशों को सरकाघाट के एसडीएम जफर इकबाल और अन्य ने भी अपने अपने उपमंडल के कोरोना संक्रमण प्रभावित स्कूलों को पत्र भेज कर एक दिन में सपष्टीकरण मांगा है।
वहीं, इस सपष्टीकरण को लेकर हिमाचल प्रदेश मुख्याध्यापक एवं प्रधानाचार्य संवर्ग अधिकारी संघ जिला मंडी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं। संघ के अधिकारियों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह का सपष्टीकरण मांगना चिंतनीय है। क्योंकि सरकार द्वारा जारी एसओपी और अन्य आदेशों का पूरी तरह से अनुसरण किया जा रहा है।
संघ का कहना है कि कोरोना पूरे विश्व में फैला है। शिक्षक और विद्यार्थी स्कूलों, घरों के बीच आवागमन करते हुए कई तरह के बाहरी लोगों के साथ संपर्क में आ रहे हैं। किसी भी एक के संक्रमित होने पर सारी कक्षा या स्टाफ प्रभावित हो सकता है। इसके लिए प्रधानाचार्यों या मुख्याध्यापकों से सपष्टीकरण मांगने का कोई औचित्य नहीं है। संघ ने इन आदेशों का विरोध करते हुए इन्हें तुरंत वापस लेने की मांग की है। यह भी सपष्ट किया कि प्रधानाचार्य व मुख्याध्यापक एसओपी के दिशा निर्देशों को पूरी तरह से मानने के लिए बाध्य हैं और मान रहे हैं।