पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कोरोना के बढ़ते मामलों और कोरोना से हो रही मौत को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसा देखने में आया है कि प्रदेश के लोग इस महामारी को गंभीरता से नहीं ले रहे। लोग बाजारों, शादियों और अन्य समारोहों में बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग न करके लापरवाही बरत रहे हैं जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
पूर्व मंत्री ने सरकार से इस तरह की लापरवाही बरतने वालों पर तुरंत कढ़ा संज्ञान लेने का आग्रह किया है। और इसके लिए स्थानीय प्रशासन की भागीदारी को भी सूनिश्चित करने के लिए कहा है जिससे सरकार द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कोरोना से जूझने के लिए उचित और प्रयाप्त साधन नहीं है । प्रदेश की जनता अस्पतालों से बिना इलाज के निराश होकर इधर-उधर भटक रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार को एक नीति बनाकर इस महामारी से जूझना चाहिए और प्रत्येक अस्पताल में साधारण बिस्तरों और वेटीलेटरों आदि आवश्यक उपकरणों का विवरण अस्पताल के बाहर दिन में कम से कम तीन बार नोटिस बोर्ड पर दर्शाना चाहिए। जिससे लोगों को पता चल सके की किस अस्पताल में कितने बिस्तर और वेंटीलेटर उपलब्ध हैं और उनमें से कितने खाली हैं।
इसके साथ ही पूर्व मंत्री ने आम जनता से भी अनुरोध किया है कि वे इस कोरोना महामारी को हल्के में न लें और सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पाल करें। उन्होंने लोगों से मास्क पहनने, हाथों को साबुन से धोने, मास्क लगाने और सेनेटाइजर आदि का उपयोग करने की अपील की है।