वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 की घोषणा की। इसके तहत 265080 करोड़ रुपये के 12 उपायों की घोषणा की। इसमें फर्टिलाइजर के लिए 65 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। सरकार ने दावा किया कि इससे 14 करोड़ किसानों को फायदा होगी। साथ ही कोरोना वैक्सीन के शोध एवं विकास के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कोविड सुरक्षा मिशन के तहत यह राशि डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी को दी जाएगी। कैपिटल और इंडस्ट्रियल एक्सपेंडीजर के लिए अतिरिक्त 10200 करोड़ रुपये जाएंगे। इससे रक्षा उपकरण बनाने वाली घरेलू कंपनियों और ग्रीन एनर्जी कंपनियो को फायदा होगा।
एक्सपोर्ट बढ़ाने पर जोर
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए एक्जिम बैंक को 3000 करोड़ रुपये लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में दिए जाएंगे। इसी तरह पीएम गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान। इसके लिए रूरल इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा। फर्टिलाइजर के लिए 65000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इससे 14 करोड़ किसानों को फायदा होगी। देश में खाद की खपत 2019-20 के मुकाबले 17.8 फीसदी बढ़ी है।
सरकार एनआईआईएफ के डेट प्लेटफॉर्म में 6000 करोड़ रुपये इकि्वटी के रूप में निवेश करेगी। डेवलपर्स और घर खरीदारों को इनकम टैक्स में राहत। इससे रियल एस्टेट को बूस्ट मिलेगा और मध्य वर्ग को राहत मिलेगी। सर्कल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू में अंतर को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का फैसला किया गया है। कंस्ट्रशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लगी कंपनियों को कैपिटल और बैंक गारंटी में राहत दी गई है। परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को कम करके 3 फीसदी किया गया है। इससे ठेकेदार कंपनियों को राहत मिलेगी।
PM आवास योजना के लिए 18000 करोड़ रुपये
सीतारमण ने कहा कि पीएम आवास योजना अर्बन के लिए 18000 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इससे देश के गरीबों को फायदा होगा। 78 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे बाजार में मांग पैदा होगी और गरीब को पक्का मकान मिलेगा। 10 चैंपियन सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव योजना की घोषणा सरकार कल ही कर चुकी थी। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 का हिस्सा है।
कामत कमेटी की सिफारिश के मुताबिक 26 दबावग्रस्त सेक्टरों और स्वास्थ्य सेक्टर के लिए ईसीजीएलजीएस के तहत लाभ दिया गया है। मूलधन चुकाने के लिए 5 साल का समय दिया गया है। यह योजना 31 मार्च 2021 तक रहेगी। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीजीएलएस) को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की घोषणा। संगठित क्षेत्र में रोजगार को बल मिलेगा। पंजीकृत ईपीएफओ प्रतिष्ठान से जुड़ने वाले कर्मचारी को इसका फायदा होगा। इससे उन लोगों का फायदा मिलेगा जो पहले ईपीएफओ से नहीं जुडे थे या जिनकी इस साल 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच नौकरी चली गई हो। यह योजना 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगी और यह 30 जून 2021 तक रहेगी। इसके तहत केंद्र सरकार अगले दो साल तक सब्सिडी देगी। जिस संस्था में 1000 तक कर्मचारी हैं, उसमें 12 फीसदी कर्मचारी और 12 फीसदी नियोक्ता हिस्सा केंद्र देगी। 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली संस्थाओं में केंद्र कर्मचारी के हिस्से का 12 फीसदी देगा।
रेलवे में माल ढुलाई 20 फीसदी बढ़ी है
वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि रेलवे में माल ढुलाई 20 फीसदी बढ़ी है। बैंक कर्ज वितरण में 5 फीसदी की बढ़त हुई है। कहा कि अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था बेहतर होगी। बताया कि एफपीआई का नेट निवेश भी सकारात्मक रहा है। जीएसटी कलेक्शन 10 प्रतिशत बढ़ा। विदेशी मुद्रा भंडार भी 560 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है।
नये कर्मचारी के 12 फीसदी PF योगदान के लिए सरकार 2 साल तक सब्सिडी देगी
सरकार दो साल तक 1000 तक की संख्या वाले कर्मचारियों वाले संस्थाओं को नयी भर्ती वाले कर्मचारियों के पीएफ का पूरा 24 फीसदी हिस्सा सब्सिडी के रूप में देगी। यह 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगा। 1000 से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में नये कर्मचारी के 12 फीसदी पीएफ योगदान के लिए सरकार 2 साल तक सब्सिडी देगी। इसमें लगभग 95 फीसदी संस्थान आ जायेंगे और करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा।
देश में निवेश बढ़ रहा है
वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के पहले चरण का प्रदर्शन अच्छा रहा है। 28 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश राशन कार्ड नेशनल पोर्टेबिलिटी के अधीन हैं। इससे 68।6 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 1373।33 करोड़ रुपये का कर्ज आवंटित किया गया है।
सीतारमण ने कहा कि देश में निवेश बढ़ रहा है। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन स्कीम (ईसीजीएलएस) के अंतर्गत 61 लाख कर्जदारों को 2।05 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है। इनमें से 1।52 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। बैंकों ने 157।44 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये हैं और उन्हें दो चरणों में 1,43,262 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। बताया कि आयकर विभाग ने सक्रियता और तेजी दिखाते हुए 1।32 लाख करोड़ रुपये का रिफंड दिया है