Follow Us:

प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में हो रही वृद्धि पर कम्युनिस्ट पार्टी ने गंभीर चिंता व्यक्त की

पी.चंद, शिमला |

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) प्रदेश में प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे कोविड19 संक्रमित मरीजों और इससे हो रही मौतों की संख्या में हो रही वृद्धि को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करती है। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में कोविड19 संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। पार्टी मांग करती है कि सरकार इस महामारी से तेजी से बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए युद्धस्तर की रणनीति बनाकर एक कुशल नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन करे और पर्याप्त संसाधनों का प्रावधान करें और टेस्ट की संख्या बढ़ाकर कम से कम प्रति दिन 10 हजार की जाए। ताकि संक्रमित मरीजों की पहचान कर इनको आइसोलेट किया जाए। पूरे प्रदेश में कोविड19 के लिए नए और क्वारंटाइन केंद्र जो बन्द कर दिये हैं उन्हें तुरंत उचित रहने और खाने की सुविधाओं के साथ आरम्भ किया जाए ताकि संक्रमित मरीजों को इनमें रखा जाए। डेडिकेटेड कोविड19 अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जाए और इनमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, अन्य स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए तुरंत उचित कदम उठाए और वेंटिलेटर व अन्य साजो सामान पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाया जाए। सरकार तुरन्त प्रदेश में सामुदायिक फ़ैलाव को रोकने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करवा कर संक्रमित मरीजों को क्वारंटाइन केन्द्रों में अलग रख कर संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करे।

सरकार ऑनलाक की प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू नहीं कर पाई है। जिसके कारण आज प्रदेश में तेज़ी से संक्रमण बढ़ा है। सरकार के द्वारा सामाजिक, धार्मिक ,राजनीति व अन्य समारोहों में कितने लोग भाग ले सकते हैं, बिना किसी उचित आंकलन के सब जनता पर खुला छोड़ कर अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ दिया। जिससे आज संक्रमण तेजी बढ़ा है। इसके साथ-साथ सरकार में मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिकारी व अन्य सत्ता पक्ष से जुड़े लोग राजनैतिक रैलियां और अन्य कार्यक्रमों मे बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा कर इनमें कोविड19 के लिए तय नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है। अब सरकार केवल जनता को दोषी बताकर अपने आप को दोषमुक्त बता रही है। सरकार ने जिस प्रकार से अब सामाजिक, धार्मिक व अन्य आयोजनों व कार्यक्रमों में लोगो की भागीदारी कम करने के लिए सीमा तय कर रोक लगाई है, वैसे ही सरकार को तुरन्त अपने सभी राजनैतिक व अन्य सरकारी कार्यक्रमों पर रोक लगानी चाहिए और सारा ध्यान प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोविड19 के संक्रमण को रोकने के लिए लगाना चाहिए।

सरकार को इससे निपटने के लिए 8 माह पूर्व मार्च, 2020 जब से लॉकडाउन की प्रक्रिया आरम्भ की गई थी। जिस प्रकार के ठोस कदम उठाने चाहिए थे। उस समय से सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए और इसको हल्के से लेते हुए सरकार जनता के बीच अतार्किक और अवैज्ञानिक तौर तरीकों जिनमे थाली, ताली पिटवाना, हवन यज्ञ जैसी दकियानूसी बातों का प्रचार प्रसार करती रही। जबकि लॉकडाउन का समय, जोकि जनता के लिए कष्टदायक समय रहा है, उस समय प्रदेश में स्वास्थ्य व अन्य सेवाओं का विस्तार व सुदृढ़ करने पर बल देना चाहिए था। इसमें कोविड केन्द्रों व अस्पतालों का निर्माण कर इसमें पर्याप्त बिस्तर, वेंटिलेटर और अन्य साजो सामान, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, पैरा मेडिकल व अन्य आवश्यक स्टाफ की पर्याप्त भर्ती कर इनकी उपलब्धता के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना चाहिए था।

जिस प्रकार से प्रदेश में अब इसके संक्रमण का सामुदायिक फैलाव आरम्भ हो गया है। इसके कारण आज प्रदेश के प्रत्येक जिला इसकी चपेट में आ गया है और यदि समय रहते इसकी रोकथाम नहीं की गई तो प्रदेश को इसके कारण भारी क्षति का भुगतान करना पड़ सकता है। सरकार तुरन्त जनता के प्रति अपना संवैधानिक दायित्व निभाते हुए इस महामारी की रोकथाम के लिए तुरन्त संजीदगी से कार्य कर अपनी व्यवस्था को चुस्तदुरुस्त कर ठोस कदम उठाए। पार्टी प्रदेश की जनता से भी आग्रह करती है कि सामाजिक, धार्मिक व अन्य आयोजनों में भीड़ भाड़ कम कर इनको सादगी से आयोजित करें तथा कोविड19 के प्रत्येक नियम का पालन करें ताकि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए इसकी चैन को तोड़ा जा सके और इसमहामारी को प्रदेश में फैलने से रोका जा सके।