वैसे तो हिमाचल को सेब राज्य के रूप में जाना जाता है। हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों जहां बर्फ़बारी होती है सेब की अच्छी फ़सल होती है। लेकिन कांगड़ा जिला के जयसिंहपुर जैसे गर्म क्षेत्र में भी सेब लगा दिए जाएं तो आश्चर्य होता है। ये बात कोई मज़ाक नहीं है बल्कि सच है और इसे सच करके दिखाया है। जयसिंहपुर तहसील के गांव हलेड के हरी शरण ने जिन्होंने सेब की ऐसी किस्म के पौधे उगाए है। जो हिमाचल प्रदेश के निचले गर्म क्षेत्रों में भी अच्छी फसल दे रहे है।
हरि शरण ने साल 2014 में इस पर काम करना शुरू किया था। उनकी मेहनत अब रंग लाने लगी है। उनके सेब के पौधों में अब सेब लग रहे है। जिससे प्रेरित होकर उन्होंने एक सेब की नर्सरी भी लगाई है। वह इस नर्सरी में हर साल लगभग 8 से 10 हजार सेबों के पौधे बेचने के लिए लगाते हैं। कोई भी व्यक्ति उनकी नर्सरी से 50 रुपए में एक पौधे की किमी के हिसाब से ले सकता है। ये पौधे नवंबर और दिसंबर में मिलते हैं।
हरि शरण बताते है कि उन्होंने अपनी नर्सरी में अन्ना गोल्डन व डोर सेट किस्म के सेब की नर्सरी लगाई है। जिसमें अन्ना गोल्डन के परिणाम बेहतर है। इसका स्वाद बिलकुल पहाड़ी सेब जैसा ही है। इस बार उन्होंने 10 हज़ार के करीब पौधे बेचे है। जिन लोगों ने ये पौधे लगाए है उनको भी बेहतर परिणाम सामने आ रहे है। इन सेब के पौधों की ख़ासियत ये है कि ये तीन साल में फसल देने लग जाते हैं। ये उनके लिए बेहतर कमाई का साधन बने है।