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नाइट कर्फ्यू सरकार की अदूरदर्शिता का प्रमाण, रात की बजाय दिन में सख्ती बरते सरकार: सुक्खू

पी. चंद |

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि रात्रि कर्फ्यू सरकार की अदूरदर्शिता का प्रमाण है। हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के दिनों में रात 8 बजे तक लोग वैसे ही घरों के अंदर हो जाते हैं। चार जिलों में रात्रि कर्फ्यू औचित्यहीन है। उन्होंने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए हॉटस्पॉट चिन्हित कर महामारी की चेन तोड़नी होगी। सरकार को दिन के समय सख्ती बरतने की जरूरत है। रात में न तो कोई जलसा हो रहा, न ही अन्य कार्यक्रम। दिन में बाजारों में भारी भीड़ जुट रही है, उससे दो गज की दूरी, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराना चाहिए। शादियों में भी मास्क अनिवार्य किया जाए। 

उन्होंने सरकार से पूछा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य रैलियों में बिना मास्क पहुंचे लोगों से कितना जुर्माना वसूला गया। सरकार बिना मास्क वालों के चालान को लेकर दोहरे मापदंड न अपनाए। सभी के लिए कानून बराबर हो। बीते दिनों जनमंच कार्यक्रम में भी लोग बिना मास्क पहुंचे थे, उन्हें जुर्माना क्यों नहीं लगाया गया। सुक्खू ने कहा कि जब कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है तो सरकार विधानसभा का सत्र क्यों बुला रही है। उसे हालात सामान्य होने तक स्थगित क्यों नहीं कर दिया जाता। 

उन्होंने सरकारी कार्यालयों में स्टाफ की पचास फीसदी उपस्थिति पर भी सवाल उठाए। सुक्खू ने कहा कि सभी दफ्तरों में स्टाफ आधा करने के बजाए वहीं संख्या कम की जाए जहां पर कोरोना के मामले हैं। सरकारी कार्य बाधित नहीं होना चाहिए। सरकार कोरोना पर काबू पाने में पूरी तरह विफल रही है। महामारी पर काबू पाने की ठोस रणनीति का पहले दिन से अभाव रहा।