राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में पुलिस आरक्षियों के 21वें दस्ते के दीक्षांत परेड समारोह में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की और पार्सिंग आउट परेड की सलामी ली। प्रशिक्षुओं और लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने सभी आरक्षियों को बधाई दी और कहा कि प्रशिक्षण में आवश्यक दक्षता हासिल कर अब वह हिमाचल प्रदेश पुलिस परिवार में शामिल होंने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें सभी प्रशिक्षुओं से यह अपेक्षा रहेगी कि संविधान, प्रजातांत्रिक मूल्यों एवं कानून के अनुरूप अपने कत्तव्यों का पालन करते हुए आम जन-मानस की भावनाओं के अनुरूप कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं की निष्ठा एवं जोश को देखकर उन्हें पूर्ण विश्वास है कि वे इसी आत्मविश्वास, अदम्य साहस एवं सहानुभूति के भाव से प्रदेश के लोगों की सेवा में तत्पर रहेंगे और जिम्मेदारी से अपने कार्य तथा आचरण से उत्कृष्ट सेवा का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि पुलिस का काम बहुत संजीदा है इसलिये अपने कर्तव्य एवं मानवता के पथ से कभी भी विचलित नहीं होना है और हमेशा कानून के अनुरूप सही निर्णय को लागू करना है। उन्होंने सभी से विधि द्वारा प्रदत्त अधिकारों, सीमाओं तथा निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप ही कार्यवाही करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पुलिस प्रशिक्षण को सुचारू रूप से चलाना अत्यन्त मुश्किल कार्य था परन्तु प्रशिक्षण सुचारू रूप से जारी रहा। इसके लिए पुलिस महानिदेशक, प्रधनाचार्य एवं समस्त हिमाचल प्रदेश पी. टी. सी. स्टाफ बधाई के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि आज कोरोना महामारी का दौर है। अभी तक हमने बड़ी ही सावधनी से इस महामारी पर विजय पाई है। अब जबकि सफलता के नजदीक हैं तो हमें अधिक सावधानीपूर्वक निर्देशों का पालन करना है। उन्होंने कहा कि पुलिस के हर जवान ने कोरोना महामारी से निपटने में अग्रिम पंक्ति में रहकर कोरोना योद्धा के तौर पर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में ऐसे मामले भी आये जिसमे पुलिस कर्मी ने अपने घर पर आपदा आने पर भी अपनी ड्यूटी से मुंह नहीं मोड़ा। दिन-रात जनसेवा में समर्पित रहकर कार्य किया है और यही मायने में समर्पण ही राष्ट्र सेवा है। पुलिस से सदैव यह अपेक्षा रहती है कि वह समाज में ऐसी व्यवस्था कायम करें जिसके अपराधियों को सजा मिले और निर्दोष एवं पीड़ित को न्याय व संतुष्टि प्रदान हो सके।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है। लाखों पर्यटक प्रति वर्ष हिमाचल प्रदेश घूमने आते हैं। ऐसे में पुलिस कर्मियों में कुशल तथा विनम्र व्यवहार एवं निपुण कार्यशैली के द्वारा उनका दिल जीतने में कामयाब होंने की भी जिम्मेदारी होगी। साथ ही आम आदमी को सेवा भाव के साथ सहायता प्रदान करने में और प्रदेश में शान्तिप्रिय वातावरण बनाने में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस को देश में एक अच्छे, ईमानदार एवं पेशेवर पुलिस बल के तौर पर जाना जाता है। वर्तमान परिदृष्य में जब देश में आतंकवाद, नशे इत्यादि की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, तो पुलिस की समाज में व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है जिसके लिए उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति और अधिक पेशेवर एवं व्यवहारिक बनना होगा। उन्होंने कहा कि आज पास आऊट होने वाले ही नहीं अपितु शेष पुलिस कर्मी भी अपने आप को पेशेवर के तौर पर और अधिक व्यवहारिक बनाकर अपनी एवं पुलिस की छवि को और अधिक बेहतर एवं सुदृढ़ बनाने की ओर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में लाया गया है कि सरकार निरीक्षक से उप पुलिस अधीक्षक (पर्यवेक्षक) अधिकारी बनने वाले अधिकारियों के लिए 8 सप्ताह का इंडक्शन कोर्स शुरू करने का निर्णय लेने जा रही है ताकि पुलिस अधिकारी और पेशेवर व सक्षम बनकर अपनी भूमिका अदा कर सकें। वर्तमान में पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय की जीओसी मैस में केवल 8 ही प्रशिक्षु अधिकारियों के रहने के लिए व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इसे बढाकर कम से कम 20 और कमरों का निर्माण करवाने के लिए सरकार से अनुरोध करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है सभी पूर्ण निष्ठा, निष्पक्षता, कर्तव्यपरायणता और संवेदनशीलता से हिमाचल प्रदेश की आम जनता की सेवा करेंगे। उन्होंने भव्य परेड एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रदर्शन के आयोजन के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक, उनकी पूरी टीम और विशेषकर प्रशिक्षणार्थियों की प्रशंसा की। दीक्षान्त परेड में 834 आरक्षियों ने भाग लिया इसमें 642 पुरुष और 192 महिला आरक्षियों ने आरक्षी मूलभूत प्रशिक्षण प्राप्त किया है। परेड का नेतृत्व आरक्षी मनन चैधरी जबकि महिला वर्ग में आरक्षी अर्चना चैधरी ने परेड का नेतृत्व किया।