बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने अमेरिका द्वारा निर्वासित तिब्बत सरकार की स्वायतता की घोषणा को तिब्बत सरकार के लिए बड़ी सफलता बताया है। शांता कुमार ने कहा कि अमेरिका द्वारा तिब्बत की स्वायतता के सम्मान की घोषणा और भारत में तिब्बत की प्रवासी सरकार को मान्यता विश्व राजनीति की एक महत्वपूर्ण घटना है। तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगेय को पहली बार व्हाईट हाऊस का निमंत्रण और अमेरिका के संबंधित मंत्री से बातचीत भी एक महत्वपूर्ण घटना है। इसके लिए उन्होंने तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री डॉ सांगेय और पूरे विश्व में बैठे तिब्बतियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि विश्व की राजानीति तेजी से बदल रही है। भले ही चीन एक महा शक्ति बन गया है। लेकिन कोरोना संकट के बाद चीन पूरी दुनिया में अकेला पड़ गया है। चीन की विस्तारवादी नीति को इससे बहुत बड़ा धक्का लगा है।
उन्होनें कहा कि भारत को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि आज भारत को सबसे बड़ा संकट चीन से है। चीन एक महां शक्ति बन गया है। चीन और पाकिस्तान की दोस्ती भारत के लिए और भी बड़ा संकट है। भारत के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने हिन्दी चीनी भाई भाई कहकर मित्रता की बड़ी कोशिश की परन्तु चीन ने धोखा दिया। भारत को चीन से अब निपटना ही पड़ेगा और उसके लिए आज का समय सबसे अनुकूल है। इसलिये भारत अतिशीघ्र धर्मशाला में तिब्बत प्रवासी सरकार को विधिवत औपचारिक मान्ययता देने की घोषणा करे। जब भारत ने धर्मशाला में सरकार स्थापित होने दी तो परोक्ष मान्यता तो पहले ही है अब भारत प्रत्यक्ष मान्यता दे।
शंता ने कहा कि महामना दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित करें और अमेरिका जैसे देशों के सहयोग से सयुंक्त राष्ट्र संघ में तिब्बत के विषय को उठाएं। यदि अन्य देशों के सहयोग से भारत चीन को निपट लेगा तो पाकिस्तान तो स्वयं ही निपट जाएगा। पाकिस्तान तो कागज को शेर है। परन्तु चीन के सहयोग से वह बहुत बड़ा संकट है।