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कोरोना काल के बीच प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC के MS डॉक्टर जनक राज ने की सफल मस्तिष्क सर्जरी

पी.चंद, शिमला |

आज जब हिमाचल प्रदेश में कारोना अपने चरम पर है लगातार मामले बढ़ रहे है मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। इस मुश्किल महामारी के दौर में हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान – इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) अस्पताल में बिलासपुर जिले के स्वारघाट की 60 वर्षीय वृद्ध महिला निर्मला देवी की सर्जरी ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

कोरोना काल के लंबे समय के बाद आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक और न्यूरोसर्जन डॉ जनक राज ने हिमाचल के सरकारी अस्पताल में पहली बार एक सफल और दुर्लभ मस्तिष्क सर्जरी की। इस सर्जरी में सबसे बड़ा जोखिम मरीज़ की 60 साल की उम्र थी साथ ही इस सर्जरी में संक्रमण सबसे बड़ा का खतरा था।

लेकिन डॉ जनक की कठिन मेहनत रंग लाई और महिला की सफल सर्जरी हुई। महिला भाग्यशाली भी रही क्योंकि  निर्मला देवी की ब्रेन सर्जरी के एक सप्ताह बाद ही डॉ जनक राज को अस्पताल से कारोना संक्रमण हो गया। संक्रमण के बाद डॉ जनक कोविड वार्ड में 10 दिनों से अधिक समय तक अस्पताल में रहे। हालांकि अब  ड्यूटी पर लौट आए हैं।

डॉ. जनक राज कहते हैं  उत्तर-भारत में सबसे बड़े 100-बेड के कोविड-केयर सेंटर का संचालन करने वाले अस्पताल में जब-जब निर्मला देवी को लाया गया था उसकी स्थिति काफ़ी नाज़ुक थी। वास्तव में महिला को जानलेवा बीमारी थीं। महिला के साथ उसका बेटा राज कुमार उसकी स्थिति जानता था। उसके बचने की बहुत कम उम्मीद थी। सफ़ल सर्जरी के बाद निर्मला का बेटा खुश है क्योंकि उसकी माँ पूरी तरह से ठीक हो गई है ।

मामला  फोरमैन मैग्नम मेनिंगियोमा का था"। जिसको तीन अन्य डॉक्टरों – डॉ. जियान, डॉ. विनीत और डॉ. ज्योति के साथ अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की मदद से सफल बनाया गया। इस सर्जरी को करने में उन्हें छह घंटे का समय लगा। महिला को अस्पताल में भर्ती कराने के दो दिन बाद 22 अक्टूबर को यह सर्जरी की गई।