हिमाचल में हजारों पेंशनरों को मई महिने से पेंशन नहीं मिली है। पोस्ट ऑफिस ने पेंशन को घर तक पहुंचाने की सुविधा को रोक दिया है। केन्द्र के निर्देशों के अनुसार सभी पेंशनधारकों को अपनी पोस्ट ऑफिस ब्रांच में जाकर ऑनलाईन पेंशन लेनी होगी। समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने दावा किया है कि उन्होंने हर महिने की समाजिक सुरक्षा पेंशन को पोस्ट ऑफिस के अंतर्गत जारी कर दिया है, लेकिन पोस्ट ऑफिस ने पेंशन को घर तक पहुंचाने पर रोक लगा दी है।
सुत्रों के मुताबिक केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों के चीफ जनरल ऑफ पोस्ट ऑफिस को पेंशन ऑनलाईन देने के सख्त निर्देश दिए है। गांवों में रहने वाले अधिकतर पेंशनरों ने चीफ जस्टिस को इस मामले में लिखित पत्र लिखा है। लरोट गांव की परजा देवी, बालसु देवी, खरसाली गांव के भजनदास, ठाकुर सेन और चेनराम, खब्बल गां की रत्नी देवी, लिगन गांव के गोपाल सिंह, चिरगांव के भागमल ये सभी रोहडू से है जिन्हें मई महिने से सैलरी नहीं मिली है।
लोगों ने बताया है कि जब पोस्ट ऑफिस के स्टाफ से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि केन्द्र के सख्त निर्देश है और पेंशन के लिए ऑनलाईन रजिस्टर करना होगा ताकि डुप्लीसिटी न हो। इसके लिए ऑनलाईन सिस्टम अभी शुरु होना है जिससे सबसे ज्यादा परेशानी गांव में रह रहे लोगों को हो रही है। पोस्ट ऑफिस ब्रांच में अभी भी इंटरनेट जैसी सुविधाएं नहीं है।
90 साल के आरसी वर्मा जो जुब्बरहट्टी के पास रहते है, पूछते है कि क्या 80 साल का कोई बुजूर्ग 3 से 5 किलोमीटर सिर्फ 1,200 रुपए के लिए खड़ी पहाड़ियां कैसे चढ़ेगा?
बता दें 2011 के सेन्सस के अनुसार प्रदेश में 1.57 लाख पेंशनर है जिसमें अकेले शिमला में 33,945 पेंशनर्स हैं। हिमाचल सरकार 60 से 70 साल के बुजुर्गों और विधवाओं को 700 रूपए और 80 साल से ऊपर वालों को 1250 रूपए देती है।