सीपीआईएम ठियोग के एकमात्र विधायक राकेश सिंघा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सरकार के फैसलों पर नाराज़गी ज़ाहिर की है। सिंघा ने कहा उन्हें आश्चर्य है कि सरकार ने अचानक कैबिनेट बुलाकर विधानसभा शीतकालीन सत्र को टाल दिया गया। सर्वदलीय बैठक में सत्र करवाने पर विपक्षी दलों का एक विचार था व कांग्रेस सहित सीपीआईएम व निर्दलीय ने सत्र के पक्ष में थे लेकिन सरकार ने कारोना की जंग में हाथ कड़े कर दिए है सरकार निहत्था हो गई है ये दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार ने लोगों छोड़ दिया है। विधानसभा शीतकालीन सत्र को रद्द क्यों किया गया समझ से परे है।
कोरोना के मामले जिस रफ़्तार से बढ़ रहे है उससे लगता है आने वाले समय में प्रदेश की अधिकतर जनता इसकी चपेट में आएगी। जो इंतज़ाम लॉक डाउन में करने चाहिए थे वह सरकार ने नहीं किए गए। कोरोना से लड़ने के लिए सरकार अभियान चला रही है। उसमें आंगनबाड़ी और आशा वर्कर को झोंक रहे है। उनके लिए संसाधन न के बराबर है। सरकार को मौत के आंकड़े को कम करने की दिशा में काम करना चाहिए। विधानसभा सत्र को टालने से कुछ नही होगा।
किसान के विरोध में 3 काले क़ानून बिना चर्चा के केन्द्र सरकार ने पास कर दिए। परिणामस्वरूप किसान सड़कों पर है। किसान अपने जीवित रहने की लड़ाई लड़ रहे है। सीपीआईएम मांग करती है कि इन तीनों कानूनों को सरकार वापिस ले।