हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच में चल रही तनातनी के बीच मुख्यमंत्री का नेता प्रतिपक्ष पर गुस्सा फूटा। मुख्यमंत्री ने कहा की आखिर कब जिम्मेदार बनेंगे कांग्रेस के नेता। प्रतिपक्ष नेता जैसे महत्वपूर्ण और बड़े पदों पर रहते हुए भी और संवेदनशील बयानबाजी कर क्या साबित करना चाहती हैं कांग्रेस। देश और दुनिया में जब सभी के सामने महामारी से लोगों को बचाने की चुनौती थी तो ऐसे में कांग्रेस कर घटिया राजनीति कर रही है। नेता विपक्ष को मुख्यमंत्री ने दी जिम्मेदार और संवेदनशील होने की नसीहत।
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा सत्र को लेकर उपजा विवाद सुलझने को जगह ज्यादा उलझता दिखने लगा है। सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप अब टकराव को स्थिति में पहुंच गया है। शीतकालीन सत्र को लेकर जयराम सरकार और विपक्ष एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं। विपक्ष लगातार सत्र बुलाए जाने और इसमें को बर्ड को लेकर प्रदेश की स्थिति पर चर्चा की लगातार मांग कर रहा है और सत्य को रद्द करने को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा की नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर प्रदेश में कोरोना के बदतर हो चुके हालातों पर चर्चा करवाने से बचने के लिए शतरंज करने के आरोप लगाए हैं। इसी के जवाब में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बेहद कड़े शब्दों में विपक्ष के व्यवहार की निंदा भी की और विपक्षी नेता मुकेश अग्निहोत्री को संवेदनशील होने की नसीहत तक दे डाली मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बेहद तल्ख और नाराजगी भरे अंदाज में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के गैर जिम्मेदाराना और संवेदनशील बयानों पर नाराजगी जताते हुए कहा के नेता प्रतिपक्ष जैसे जिम्मेदार और महत्वपूर्ण होने के बाद भी मुकेश अग्निहोत्री जिसने घटिया और निम्न स्तर की बयानबाजी कर रहे हैं वह किसी भी हाल में सही नहीं है ।
देश और दुनिया में जब एक एक व्यक्ति को संक्रमण से बचाने की चुनौती है ऐसे में विपक्ष को घटिया और ओछी राजनीति से बाज आना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को इसे लेकर लगातार को ल बयानबाजी पर बेहद तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उन्हें इंसानियत और मानवता के नाते मुश्किल वक्त में लोगों के जीवन बचाने के लिए आगे आने की अपील की।