हिमाचल में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए सरकार ने शीतकालीन सत्र क्या टाला विपक्ष सरकार और सत्र से भागने का आरोप लगा रहा है। सत्र टालने को लेकर जहां विपक्षी पार्टी कांग्रेस सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ सीपीआईएम के एकमात्र विधायक राकेश सिंघा ने भी सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई है और कोरोना के ख़िलाफ़ जंग लड़ने में नाकाम करार दिया।
सरकार की तरफ से यह तर्क दिया जा रहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते जहां विवाह शादियों एवं अन्य समारोहों में 50 लोगों से ज्यादा शामिल होने पर पाबंदी लगाई गई है ऐसे में विधानसभा का शीतकालीन सत्र कैसे करवाया जा सकता था। शीतकालीन सत्र को लेकर विपक्ष बेवजह हल्ला कर रहा है और इस को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है।
फ़िलहाल 15 दिसंबर तक सरकार ने प्रदेश में कुछ बंदिशें लगाई है। सरकार 27 दिसंबर को तीन साल का जश्न मनाने की सोच रही है। इस सियासी आरोप प्रत्यारोप के बीच जश्न होगा या नहीं इस पर सरकार ने फ़िलहाल स्थिति साफ नहीं की है। यदि सत्र को टालने के बाद जश्न होता है तो सरकार को विपक्ष के ओर अधिक हमलों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सरकार जश्न को सीमित कर सकती है।