प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों पर चिंता जताते हुए पूर्व मंत्री जीएस बाली ने सरकार को घेरा। जीएस बाली ने कहा कि यह महामारी पूरी दुनिया मे पहली बार आई है और इसके लिए हमे जानकारों या स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए। सरकार को अगले एक महीने को लेकर तैयारी करनी चाहिए कि किस तरह से काम किया जाए ताकि स्थिति को नियंत्रण किया जा सके।
पूर्व मंत्री ने कहा कि आज लोग डरे हुए हैं कि कोरोना का मरीज किस हालात में रह रहा है। सरकार को इसको लेकर पारदर्शिता करनी चाहिए। जीएस बाली ने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि लोगों को अस्पतालों में सुविधा नहीं मिल रही हैं जिसको लेकर सरकार को सुविधा प्रदान करनी चाहिए। जो कोरोना मरीज हैं उनके वार्ड में सीसीटीवी कैमरा लगाएं और उनकी डिस्प्ले उनके साथ आए परिजनों को दिखाई जाए ताकि परिजनों को भी पता चल जाए कि उनके मरीज का सही इलाज हो रहा है या नहीं।
वहीं, इमरजेंसी में भी अस्पताल प्रशासन को निगरानी रखनी चाहिए कि वहां आए सभी लोगों का इलाज हो रहा है या नहीं। आज जो स्थिति है वे चिंताजनक है और उसे नियंत्रण करना चाहिए। मामले की गंभीरता को सरकार को समझना चाहिए और इसे देखते हुए आगामी रणनीति बनानी चाहिए। सरकार थाली और ताली बजाके कोरोना भगाने की बात करती है जो गलत है ।
बाली ने किसान आंदोलन को बताया सही
बाली ने कहा कि किसान आंदोलन कर रहे किसानों के साथ केंद्र सरकार को बात करके समस्या का समाधान करना चाहिए। अगर किसान मांग कर रहा है कि कानून वापस लिया जाए तो सरकार को चाहिए कि मामले की गंभीरता को समझे। उन्होंने सरकार के विपक्ष पर उठाए सवाल पर कहा कि जहां सरकार गलत करेगी विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वे वहां खड़ा रहे और हम किसानों के साथ हैं। अभी किसान अपना आंदोलन खुद लड़ रहे हैं। जब उन्हें हमारी मदद की जरूरत होगी तो हम उनके साथ खड़े होंगे ।
टांडा में नहीं बचे बेड – बाली
पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कांगड़ा में पत्रकार वार्ता में कहा कि आज स्थिति इतनी दयनीय है कि धर्मशाला अस्पताल से टांडा जाने के लिए 100 कोविड पेशंट तैयार है और टांडा अस्पताल में पहले से 50 मरीजों का इलाज चल रहा है। धर्मशाला के 100 मरीजों को शिफ्ट करने तक कि सुविधा सरकार के पास नहीं है। ऐसे में अगर मामले बढ़ते है तो सरकार की क्या योजना है क्या स्टैंड है सरकार स्पष्ट करे..??