हिमाचल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए हैं कि राज्य के बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट अनिवार्य हो। कोविड समर्पित अस्पतालों के वार्डों में वरिष्ठ डॉक्टर नियमित दौरा करें।
साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि संक्रमण से निपटने के कार्य में लगे कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। यदि उन्हें कोई शिकायत है तो वह कोर्ट में अपनी बात रख सकते हैं। उन्हें वित्तीय लाभ देने और बेहतर खानपान की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी होगी। इसके बावजूद कोई कर्मचारी धरने पर जाता है तो सरकार उसकी सेवाएं बर्खास्त करे। उसके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा भी चलेगा।
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के कार्यालय आने और जाने के समय में बदलाव करे। सड़क से लेकर कार्यालयों के गेट में भीड़ कम हो, इसलिए कुछ कर्मचारियों को सुबह 9:30 बजे तो कुछ को दस बजे बुलाया जाए। साढ़े 9 बजे वाली शिफ्ट की छुट्टी का समय शाम 4:30 बजे और 10 बजे वालों का पांच बजे निश्चित हो। सरकार ने जिन कर्मियों को आउटसोर्स पर भरने की बात कही है, उनकी भर्ती पांच दिसंबर तक पूरी की जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने के लिए निजी लैब और उनके कर्मचारियों की मदद ली जाए। जो भी व्यक्ति टेस्ट करवाने के लिए आ रहे हैं, उनके मोबाइल फोन नंबर, ई मेल या वाट्सएप नंबर लिया जाए। टेस्ट की रिपोर्ट देने में 48 घंटे से ज्यादा की देरी में स्वीकार्य नहीं होगी। कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को निर्देश दिए कि पुलिस बल को अनावश्यक छुट्टियां न दी जाएं। आम लोग कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन करें, इसके लिए बटालियन से अतिरिक्त पुलिस जवान मुहैया करवाए जाएं।