धर्मशाला के विधायक विशाल नेहरिया ने कहा कि भोले भाले किसानों को विपक्षी पार्टियां भ्रमित कर रही हैं, जिसकी वजह से देश का अन्नदाता सर्दी के मौसम में सड़कों पर बैठने को मजबूर हो रहा है। देश के सभी किसान अर्थशास्त्री कृषि किसानों को क्रांतिकारी बता रहे हैं। उन सबका मानना है कि इन कदमों से भारतीय किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी, लेकिन विपक्षी पार्टियां केन्द्र सरकार के विरूद्व अपना छिपा हुआ एजेंडा चलाने के लिये किसानों को भ्रमित कर आंदोलन चलाने का दबाव डाल रही हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों से हर मुद्दे पर पूरी संजीदगी के साथ खुले मन से बात कर रही है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि शीघ्र ही किसानों और केन्द्र सरकार की वार्ता के अच्छे परिणाम सामने आयेंगे। पूर्ववर्ती सरकारें दशकों तक किसानों से खोखले वादे करती रहीं वे आज अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रही हैं, उन्हें भ्रमित कर रही हैं और अफवाहें फैला रही हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अनेक दशकों तक किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणा पत्र लिखे गए, लेकिन समय की कसौटी ने सिद्ध कर दिया है कि वो सारी बातें कितनी खोखली थीं। कृषि सुधार की बारीकियों को जब किसान जान लायेगा तो भ्रम में नहीं पड़ेगा।
विशाल नेहरिया ने कहा कि ‘‘परिवार लिमिटेड" पार्टियों ने राष्ट्र हित और जनहित के बजाय सत्ता को राजनीति का हिस्सा बना लिया और किसानों और श्रमिकों के नाम पर देश में और राज्यों में अनेक बार सरकारें बना लीं लेकिन किसानों को ऐसे कानूनों में उलझा कर रखा, जिससे किसान अपनी ही उपज को अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश के किसानों को सदैव ही सम्मान मिला है। भाजपा सरकार का मानना है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने में कृषि सुधार कानूनों से मदद मिलेगी। सरकार हमेशा ही किसानों के पक्ष में कार्य करती रही है। देश के इतिहास में पहली बार किसानों के कल्याण के लिये अनेक योजनायें चलाई गई हैं। चाहे पीएम किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, सरकार हमेशा ही किसान हितैषी रही है।