हिमाचल प्रदेश दलित शोषण मुक्ति मंच ने दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन देने का फैसला लिया है।दलित शोषण मुक्ति मंच ने 8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद के आह्वाहन में शामिल होने का भी फैसला लिया है।दलित शोषण मुक्ति मंच के राज्य संयोजक जगतराम ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार ने तीन कृषी कानून संसद में पास किए ऐ तीनो कानून किसानों के लिए मौत के कानून है।
देश में 80% जनता खेती पर निर्भर है इन कानूनों से बड़े कारपोरेट घरानों को किसानों की उपज को सस्ते दामों में खरीदने व किसानों की लूट करने की खुली छूट मिल जाएगी। कृषी कानून मात्र किसानों के खिलाफ ही नहीं बल्कि देश की मेहनतकश जनता के भी खिलाफ है।
भाजपा सरकार की नीति है कि बड़े कारपोरेट घरानों और उद्योग पतियों को मुनाफ़ा पहुंचाने के लिए उनके हित में कानून बनाए ताकि जनता की खुली लूट कर सके। 44श्रम कानूनों को बदल कर 4श्रम संहिता बना कर मजदूरों को उद्योग पतियों का गुलाम बना दिया है रोजगार देने के बजाए छीना जा रहा। कोविड19 के चलते 15करोड़ लोगों का रोजगार छीना है। सरकारी कर्मचारियों की छटनी की जा रही है। नई भर्तियों पर केंद्र सरकार ने पूर्ण रोक लगा दी है महिलायों के साथ बलात्कार और हत्याओं में बेतहाशा बृद्धि हुई है दलितों पर लगातार हमले व हत्या हो रही है।
भजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नही है। दलित शोषण मुक्ति मंच ने मांग की है कि तीनों कृषि बिल व बिजली बिल 2020 वापिस लिए जाए। दलित शोषण मुक्ति मंच ने सभी जिला कमेटयों को आह्वान किया है कि 8दिसम्बर को किसानों के आंदोलन के समर्थन में भारत बंद में शामिल हो।