निजी स्कूल द्वारा बच्चों से वार्षिक फीस और ट्रांसपोर्ट चार्ज को लेकर अभिभावकों द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद स्कूल संचालकों ने आज एक बैठक की। स्कूल संचालकों ने कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा से भी मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल संचालकों ने अपनी बात रखते हुए साफ किया कि स्कूल संचालक सिर्फ कोर्ट और शिक्षा विभाग की गाइडलाइन का पालन करते हुए फीस और चार्ज वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बसें बेशक खड़ी हैं लेकिन बसों के डीजल का खर्च छोड़ टैक्स सहित अन्य खर्चे उन्हें भरने पड़ रहे हैं। वहीं, विधायक सतपाल रायजादा ने सरकार से स्कूली बच्चों और स्कूल संचालकों को राहत प्रदान करने की मांग उठाई है।
सीबीएसई स्कूल एसोसिएशन की बैठक के बाद अध्यक्ष सुमेश शर्मा ने कहा कि स्कूल संचालक जो भी बच्चों से फीस ले रहे हैं, वो कोर्ट और शिक्षा द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस अनुसार ही लिए जा रहे हैं। बेशक कोरोना काल के दौरान किसी भी स्कूल की बसें नहीं चली है, लेकिन संचालकों को ट्रांसपोर्ट का पूरा खर्चा पड़ा है, सिर्फ डीजल की बचा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सभी प्रकार के टैक्स लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को स्कूल का पक्ष सुनना चाहिए, ताकि हमारी समस्या कम हो सके।
वहीं, विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि स्कूल संचालक और अभिभावकों दोनों की अपनी-अपनी समस्या है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ट्रांसपोर्ट का सारा टैक्स वसूल रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने न तो स्कूल संचालकों और न बच्चों के लिए कोई मदद की है। प्रदेश सरकार ने किसी प्रकार का टैक्स माफ नहीं किया हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने एक वर्ष का टैक्स माफ कर दिया है। सरकार को स्कूल संचालकों की मदद करनी पड़ेगी, ताकि स्कूल संचालक भी बच्चों को राहत दे पाएं। विधायक ने कहा कि सरकार सिर्फ बातें न करें, जनता की मदद भी करें।