किसान के भारत बंद पर वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने प्रतिक्रिया दी। शांता कुमार ने कहा पूरे देश में सिर्फ 2 राज्यों के किसान आंदोलन कर रहे हैं। देश के दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में आदोंलन नाममात्र भी नहीं था। कहीं कहीं तो विपक्षी दिल केवल रस्म ही निभा रहे हैं।
शांता ने कहा कि देश के लगभग सभी कृषि वैज्ञानिकों, विद्वानों और प्रबुध लेखकों ने नये कृशि कानूनों का समर्थन किया है। मीडिया भी अपने सम्पादकीय में इसका समर्थन कर रहा है। समय समय पर कृषि सुधारों की मांग की जाती रही थी। शरद पवार से लेकर कपिल सिब्बल तक ने समर्थन किया है। नेता मुकर सकते हैं लेकिन उनके विडियो में कहे शब्द नहीं मुकर रहे हैं। यह देश का दुर्भाग्य है कि देश की राजनीति देश के लिये नहीं केवल राजनैतिक स्वार्थ के लिये काम करती है। इसीलिये नेताओं की बोलियां बदल जाती हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हैरानी की बात तो यह है कि जिन बिचौलियों के चुंगल से सरकार किसानों को निकालना चाहती है, उन्हीं के बहकावे में आकर दो प्रदेशों में आन्दोलन हो रहा है। मुख्य रूप से दो प्रदेशों के करोड़ों रूपये कमाने वाले और किसानों का शोषण करने वाले बिचौलिये और निराष और हताष विपक्ष इस आन्दोलन को चला रहे हैं। देश के ये निहित स्वार्थ अपने स्वार्थ के लिये हर अच्छे कदम का विरोध करते रहे हैं। नागरिकता कानून पर शाहीनबाग का एक ताजा उराहरण है।
यदि नये कानून किसानों के लिए इतने घातक हैं तो पूरे देश के सभी प्रदेशों में आन्दोलन क्यों नहीं हो रहा है। आन्दोलन केवल उन्हीं प्रदेशों में हो रहा है जहां बिचौलिये और आढ़तिये करोड़ों रूपयों की कमाई करते थे। देश की जनता और किसान इस स्थिति को समझे और किसान के लिये नये कानून के रूप में इस सुनहरे मौके का लाभ उठाये।