देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आसियान के रक्षा मंत्रियों की बैठक कर एडीएमएम-प्लस को संबोधित किया। रक्षा मंत्री ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हमें सभी क्षेत्रों में लोगों के मौलिक आजादी का ध्यान रखना होगा और उनसे जुड़ी चुनौतियों को समझना होगा। नियम-आधारित आदेश, समुद्री सुरक्षा, साइबर संबंधी अपराधों और आतंकवाद के लिए खतरा, हमें एक मंच के रूप में इन सभी चुनौतियों का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि हमने परस्पर विश्वास को मजबूत किया है। हम क्षेत्र में निरंतर शांति के लिए लंबा रास्ता तय करेंगे। इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और नियमों पर आधारित देश का आधार बनने के लिए एडीएमएम की पिछले एक दशक में वृद्धि हुई है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमें जैव आतंकवाद और महामारी संबंधी बीमारियों के खतरों को दूर करने के अपने प्रयासों को जारी रखने की जरूरत है। पिछले एक दशक में हमारी सामूहिक उपलब्धि रणनीतिक संवाद और व्यावहारिक सुरक्षा सहयोग के माध्यम से बहुपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय रही है। जैसा कि हम आपसी विश्वास और बढ़ा रहे हैं, गतिविधियों के संचालन में आत्म-संयम बरत रहे हैं और उन कार्यों को करने से बचते हैं जो स्थिति को और जटिल कर सकते हैं। ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनकी मदद से क्षेत्र में निरंतर शांति लाने में एक लंबा रास्ता तय करना होगा।
बता दें कि 13 दिसंबर को आसियान की दसवीं वर्षगांठ है । इस अवसर एक पर बैठक का आयोजन किया गया जिसे एडीएमएम- प्लस का नाम दिया गया है। आसियान में 8 देश शामिल होते हैं। इसमें ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया, रूस और अमेरिका। इनका मकसद क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। 2017 के बाद से एडीएमएम- प्लस वार्षिक रूप से बैठक कर रहा है ताकि आसियान और PLUS राष्ट्रों के बीच संवाद और सहयोग का बेहतर माहौल बने। साथ ही रक्षा और सुरक्षा में सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ाने में मदद मिले।