ऊर्जा मंत्री सुख राम चौधरी ने आज राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों से विद्युत संरक्षण पर बल देने का आग्रह किया। उन्होंने का कि परम्परागत ऊर्जा संसाधनों में निरन्तर हो रही कमी के कारण नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों को अपनाना अनिवार्य हो गया है। प्रदेश अब जल विद्युत के उचित दोहन के साथ-साथ सौर ऊर्जा का सही उपयोग करने की ओर अग्रसर है और प्रदेश के अधिकतर भागों में ऊर्जा संयंत्र की स्थापना को अधिमान दिया जा रहा है, जो वैकल्पिक ऊर्जा के सर्वश्रेष्ठ स्त्रोतों में से एक है। उन्होंने कहा कि बीईई. स्टार रेटिंग बिजली संयंत्रों का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे बिजली की छोटी-छोटी बचतों से हम 15 से 25 प्रतिशत की राशि बचा सकते हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हिम ऊर्जा द्वारा शिमला शहर में अनेक सरकारी विभागों की छतों पर 2.5 मेगावाट, 2.00 मेगावाट राज्य के अन्य सरकारी भवनों तथा 9.66 मेगावाट के निजी उपभोक्ताओं के घरों में ग्रिड से जुड़े सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिससे प्रदेश में लाखों रुपये की बिजली की बचत हो रही है। इसके अतिरिक्त, राज्य में 24 मेगावाट के ग्राउंड मांउटिड सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हिम ऊर्जा द्वारा जनजातीय क्षेत्र पांगी उपमण्डल में 1000 बीपीएल परिवारों के घरों में 250 वाॅट के औफ ग्रिड सोलर पावर स्थापित किए गए हैं और जिला लाहौल-स्पीति के ताबो गांव के 90 घरों तथा जिला किन्नौर के चारंग गांव के 40 घरों में एक-एक कि.वा. के औफ ग्रिड पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं।
प्रदेश सरकार हिम ऊर्जा के माध्यम से सौर गीजर पर घरेलू उपभोक्ताओं को 30 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। हिम ऊर्जा द्वारा ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ टाॅप चरण-2 के अन्तर्गत 3 किलोवाट तक 40 प्रतिशत व 3 से अधिक 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत सब्सिडी केन्द्र सरकार तथा 4000 रुपये प्रति किलोवाट सब्सिडी प्रदेश सरकार द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं को दी जा रही है।