प्रदेश सरकार के दूसरे नाइट कर्फ्यू ने जिला कांगड़ा के होटल कारोबार को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। कर्फ्यू के कारण पर्यटन को लाखों का नुकसान हुआ है, इससे होटल कारोबार का 20 दिन का कोरबार प्रभावित हुआ है। वहीं, लबें समय से कंगाली झेल रहे पर्यटन से जुड़े कारोबारियों की आस पर एक बार दोबारा पानी फिर गया है। क्रिसमस और न्यू ईयर सीजन होने के चलते होटलों में 20 दिसंबर से ही बुकिंग शुरु हो जाती थी। लेकिन नाइट कर्फ्यू ने इस बार पूरे सीजन को धो दिया है। इस समय होटलों में ना मात्र ही ऑक्यूपेंसी है और न हीं कोई एडवांस बुकिंग आ रही है।
वहीं, पर्यटक कांगड़ा घूमने के लिए अपनी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके अलावा पहाड़ों पर हुई बर्फवारी भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पा रही हैं। क्रिसमस और न्यू ईयर सीजन के चलते जिला कांगड़ा के होटलों में 70 फीसदी बुकिंग रहती थी। पर्यटकों के बुकिंग के लिए काफी फोन भी आते थे, लेकिन नाइट कर्फ्यू के कारण कारोबार खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। न तो इस समय कोई एडवांस बुकिंग है और न ही कोई फोन आ रहे हैं। नाइट कर्फ्यू के कारण इस बार मैक्लोडगंज बिना डीजे सूना ही रहेगा। जानकारी के अनुसार पिछले कई सालों से क्रिसमस और न्यू ईयर सीजन में हर होटल में कार्यक्रम आयोजित होते थे और सभी होटलों में डीजे बजते थे। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलेगा।
होटल एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अश्वनी बांबा ने कहा कि सरकार के इस फैसले में होटल कारोबार को खत्म होने की कगार पर खड़ा कर दिया है। नाइट कर्फ्यू के कारण होटलों में एक भी एडवांस बुकिंग नहीं आई है और होटलों में ऑक्यूपेंसी भी न के बराबर है। सरकार ने मार्च माह से होटल कारोबारियों के हक में एक भी फैसला नहीं लिया है।