हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्रदेश में फर्जी तरीके से 11000 से ज़्यादा आयकर दाताओं ने भी किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लिया है। योजना के तहत इन कर दाताओं को 11,95,22,000 रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद ऐसे फर्जीवाड़ा करने वालों को वसूली के आदेश जारी हो चुके हैं। फर्जीवाड़े में रिकवरी का काम कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, शिमला और सिरमौर में ही किया गया है।
इन फायदा उठाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को भी बात कही जा रही है। इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) ने सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखकर जांच के आदेश जारी किए गए हैं। आपको बता दें कि इस बात खुलासा तब हुआ जब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का डाटा का आयकर डाटा के साथ मिलान किया गया। इसमें पाया गया कि कुछ आयकर देने वाले लोगों ने इस योजना के तहत अनुचित लाभ लिया है। इनका नाम किसानों की सूची पोर्टल पर उपलब्ध है।
याद रहे कि केन्द्र सरकार ने गरीब किसानों को आर्थिक लाभ देने के लिए 2018 में किसान सम्मान निधि शुरू की थी। अब तक किसानों को दो-दो हजार रुपये की छह किस्तें यानी 12000 रुपये उनके खाते में केंद्र सरकार जमा करवा चुकी है। योजना के तहत किसानों को हर साल तीन किस्तों में 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना के पात्र किसान के नाम खेती वाली जमीन होना जरूरी है। सरकारी कर्मचारी चाहे वह सेवानिवृत्त ही क्यों न हो , सांसद , मंत्री और विधायक या अन्य कोई इस योजना के पात्र नहीं है। जो 10 हजार रुपये से अधिक की पेंशन पाते हैं वे भी हक़दार नहीं है।
इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि ये फर्जीवाड़ा लोगों ने नहीं बल्कि सरकार ने किया है। लोकसभा चुनावों के दौरान सरकार ने लोगों के खातों में पैसा जमा करवाया। सरकार हर क्षेत्र में असफल रही है। हर जगह घोटाले और फर्जीवाड़े हो रहे हैं लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है औऱ ऐसे फर्जीवाडों को संरक्षण दे रही है।