कोरोना काल में चरमराई स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर युवा कांग्रेस ने शिमला में विरोध जताया। युवा कांग्रेस ने डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया औऱ जिलाधीश के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस ज्ञापन में जहां युवा कांग्रेस ने लचर स्वास्थ्य सुविधाओं का हवाला दिया है वहीं दो मुख्य मांगें भी हालातों के देखते हुए की हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि इमरजेंसी के चलते जल्दी ही स्टाफ नर्सों की भर्ती की जाए। युवा अध्यक्ष निगम भंडारी ने कहा कि प्रदेश में 12,500 के करीब नर्सें रजिस्टर हैं जो कि ज़रूरत पड़ने पर प्रदेश में हेल्थ सेवाएं देने को तैयार हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या और अस्पतालों के स्टाफ पर बढ़ते काम के बोझ के चलते प्रदेश सरकार इन्हे नियमित तौर पर भर्ती करे। दूसरी मांग पंचायत और ग्रामीण इलाकों में अभी भी टेस्टिंग संख्या और कोरोना की उपयुक्त जानकारी न होने के कारण भी माहौल बिगड़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि घोषित किये गए पंचायत चुनावों में कोरोना संक्रमण के बढ़ने का खतरा है। इसके लिए ग्रामीण इलाकों में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जाए। आज क्या वजह है कि हिमाचल में कोविड के पॉजिटिव केसिज कम आने शुरू हो गए है और मृत्यु दर बढ़ता जा रहा है। इसकी मुख्य वजह है हिमाचल की स्वास्थ्य व्यवस्था की दयनीय हालत। कोविड मरीज खुद हॉस्पिटल जाना नहीं चाहते। अगर उनमे कोविड के लक्षण भी हैं तो वे टेस्ट नहीं करवा रहे, वे घरो में रहकर स्वयं अपना इलाज कर रहे हैं। क्योंकि उनका हिमाचल की स्वास्थ्य व्यवस्था से विश्वास उठ चुका है।
हिमाचल के हॉस्पिटल की खस्ता हालत से कौन वाकिफ नहीं है। लेकिन हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हेलीकॉप्टर से नीचे नहीं उतर रहे, बार बार दिल्ली का दौरा कर रहे है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने पिछले एक महीने में कितने अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। आने वाले पंचायत चुनाव में प्रदेश की जनता जयराम ठाकुर और वर्तमान भाजपा सरकार को मुंह तोड़ जवाब देने वाली है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को कोविड के समय मरने के लिए छोड़ दिया था ये जनता कभी नहीं भूलेगी।
अगर स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया तो युवा कांग्रेस पूरे प्रदेश के गांव से लेकर शहरों तक उग्र प्रदर्शन करेगी। जरूरत पड़ी तो भाजपा के सभी सांसदों का घेराव करेगी।