जिला हमीरपुर के आजाद हिंद फौज़ के सिपाही हरि राम शास्त्री का सोमवार देर शाम निधन हो गया। वह 105 साल के थे। आज पैतृक गांव नोहल में उनका राजकीय समंमान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के समय पुलिस टुकड़ी द्वार उन्हें सलामी भी दी गई। इस दौरान प्रशासन की तरफ से बड़सर के नायब तहसीलदार और बड़सर थाना प्रभारी मौजूद रहे। वहीं, बड़सर के विधायक सहित अन्य दर्जनों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
बता दें कि अंग्रेजों की गुलामी को झेल रहे हिन्दुस्तानियों को नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने एक नई राह दिखाकर आजादी की लड़ाई के लिए तैयार किया था। हरि राम शास्त्री ने बताया था कि पाकिस्तान के लाहौर में पढ़ाई के दौरान सत्याग्रह के आंदोलन में भी हिस्सा लिया था जिस कारण कई दिनों तक अंग्रेजों ने जेल में बंद रखा था। जेल में सत्याग्रह किया था और अंग्रेजों की प्रताडना के बाद हमें छोड़ा गया था। सत्याग्रह आंदोलन के दौरान 'अंग्रेजों हिन्दुस्तान छोड़ दो' का नारा देकर अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष भी किया था।